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महाकुंभ में रशियन लड़की ने नागा साधु से रचाई शादी, प्रेम की अनोखी मिसाल बनीं कई लव स्टोरीज़

महाकुंभ में रशियन लड़की ने नागा साधु से रचाई शादी, प्रेम की अनोखी मिसाल बनीं कई लव स्टोरीज़

प्रयागराज (Mahakumbh 2025)। प्यार की कोई सीमा या धर्म नहीं होता, और यह बात महाकुंभ 2025 में पूरी तरह सच साबित हो गई। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में अनोखी प्रेम कहानियां देखने को मिलीं, जहां प्रेम ने न सिर्फ सरहदों को लांघा बल्कि धर्म की दीवारें भी तोड़ दीं।

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रशियन गर्ल ने नागा साधु से रचाई शादी

प्रयागराज के महाकुंभ में रूस से आई एक लड़की को एक नागा साधु से प्यार हो गया। साधना और वैराग्य की राह पर चल रहे इस अघोरी बाबा ने भी प्रेम को स्वीकार किया और दोनों ने महाकुंभ में ही शादी रचा ली।

 

इस विवाह ने न सिर्फ साधु-संतों को, बल्कि पूरे महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं को चौंका दिया। रूसी दुल्हन पूरी तरह भारतीय परंपराओं में रंगी नजर आई, और शादी हिंदू रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई।

ग्रीस की लड़की ने भारतीय युवक संग लिए सात फेरे

महाकुंभ की एक और अनोखी प्रेम कहानी में ग्रीस की लड़की पेनेलोप ने भारतीय युवक सिद्धार्थ शिव खन्ना के साथ सात फेरे लिए। शादी के दौरान पेनेलोप पूरी तरह भारतीय वधू के रूप में सजी – हाथों में चूड़ा, मांग में सिंदूर और पारंपरिक परिधान पहने हुए। उनकी यह शादी महाकुंभ के श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बन गई।

दो मुस्लिम पत्नियों को लेकर महाकुंभ पहुंचा हिंदू व्यक्ति

प्यार और धार्मिक सहिष्णुता का एक और उदाहरण तरुण गुप्ता ने पेश किया, जो अपनी दो मुस्लिम पत्नियों के साथ महाकुंभ में पहुंचे। उन्होंने अपनी पत्नियों के नाम अपनी पीठ पर गुदवा रखे थे, जिससे उनकी प्रेम कहानी पूरे आयोजन में चर्चा का विषय बन गई।

प्रेम की नई इबारत लिख रहा महाकुंभ 2025

हर बार महाकुंभ केवल आस्था और धर्म का संगम नहीं होता, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी एक नया अध्याय लेकर आता है, जो जीवन को प्रेम और सौहार्द की दृष्टि से देखते हैं। इस बार के महाकुंभ में सामने आई ये प्रेम कहानियां इस बात का प्रमाण हैं कि प्यार की कोई सरहद नहीं होती, यह किसी भी समय, किसी भी परिस्थिति में जन्म ले सकता है।

क्या कहते हैं लोग?

महाकुंभ में आई इन प्रेम कहानियों पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ इसे प्रेम और संस्कृतियों के मेल का सुंदर उदाहरण मान रहे हैं, तो कुछ इसे परंपराओं से हटकर देखने की जरूरत बता रहे हैं।

इन प्रेम कहानियों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि प्रेम किसी भी बंधन में बंधा नहीं रहता, यह बस होता है और अपनी राह खुद बना लेता है।

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