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ज्योति मल्होत्रा केस में बड़ा खुलासा: ISI से था सीधा संपर्क, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर से बनी पाकिस्तान की जासूस

JYOTI MALHOTRA:भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। हाल ही में गिरफ्तार की गई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ज्योति मल्होत्रा से पूछताछ के दौरान ऐसा खुलासा हुआ है, जिससे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की एक गहरी साजिश सामने आई है। सूत्रों की मानें तो ज्योति न केवल ISI से सीधे संपर्क में थी, बल्कि उसने एक सुनियोजित नेटवर्क के तहत भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का भी प्रयास किया।

सोशल मीडिया से जासूसी तक का सफर

पहले यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर धार्मिक-सांस्कृतिक कंटेंट बनाकर लोगों के बीच लोकप्रिय बनी ज्योति मल्होत्रा, धीरे-धीरे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के संपर्क में आ गई। जांच एजेंसियों का कहना है कि वह हरकीरत नामक एक व्यक्ति के माध्यम से ISI एजेंट दानिश के संपर्क में आई, जो पहले भारत में पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत था और अब पर्सोना नॉन ग्रेटा घोषित कर दिया गया है।

“ऑपरेशन सिंदूर” और “ब्लैकआउट” का कनेक्शन

पूछताछ में पता चला है कि ज्योति ने अपने मोबाइल फोन से कई संवेदनशील चैट्स डिलीट कर दिए थे। इनमें “ऑपरेशन सिंदूर” और उसके घर हिसार में हुए “ब्लैकआउट” से संबंधित संदिग्ध संवाद शामिल हैं। इन चैट्स को पुनः प्राप्त करने के लिए दो मोबाइल फोन और एक लैपटॉप फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं।

बयान बदलने की कोशिशें और झूठे दावे

पूछताछ में ज्योति लगातार अपने बयान बदलती रही। उसने दानिश से संबंधों को नकारने की कोशिश की, लेकिन डिजिटल सबूतों और यात्रा रिकॉर्ड ने उसकी पोल खोल दी। ज्योति ने कई यात्राएं धार्मिक उद्देश्यों से होने का दावा किया, परंतु सबूत बताते हैं कि वह पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भी गई थी।

विदेश यात्राएं और ISI से संपर्क

अब तक ज्योति पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, दुबई, नेपाल, भूटान और थाईलैंड की यात्रा कर चुकी है। एजेंसियां पाकिस्तान और चीन की यात्राओं को लेकर सबसे ज्यादा संदेह में हैं। जांचकर्ताओं को आशंका है कि इन यात्राओं के दौरान उसने अन्य विदेशी एजेंटों से मुलाकात की होगी और खुफिया जानकारी साझा की गई होगी।

14 दिन की पाक यात्रा पर संदेह

ज्योति की पाकिस्तान में 14 दिन की यात्रा भी अब जांच के घेरे में है। उसने दावा किया कि वह वहां “स्थानीय समुदायों की यात्रा” पर गई थी और डॉक्युमेंट्री बना रही थी, लेकिन एजेंसियों को संदेह है कि इस दौरान वह गुप्त बैठकों और निगरानी कार्यों में भी शामिल रही।

फिलहाल क्या चल रहा है?

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), खुफिया ब्यूरो (IB) और हरियाणा पुलिस की संयुक्त टीम इस पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश में जुटी है। ज्योति के डिजिटल उपकरणों की जांच, कॉल डिटेल रिकॉर्ड, यात्रा लॉग्स और वीडियो फूटेज के माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि उसने किन-किन भारतीय संस्थानों, संवेदनशील स्थानों और अधिकारियों के बारे में जानकारी ISI को दी।

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