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वृंदावन: संत प्रेमानंद महाराज की रात्रि पदयात्रा, जो श्रद्धालुओं के लिए भक्ति और उत्साह का केंद्र थी, अब विवादों में घिर गई है। वृंदावन की एनआरआई कॉलोनी की महिलाओं ने इस पदयात्रा के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। महिलाओं का कहना है कि रात्रि भजन-कीर्तन, पटाखों की आवाज और भीड़ उनकी दिनचर्या और नींद में बाधा डाल रही है।
क्या है विवाद?
प्रेमानंद महाराज के भक्तों की यह पदयात्रा हर रात श्रीराधाकेलि कुंज तक जाती थी। इसमें हजारों श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए पटाखे जलाते हैं और सड़कों पर नाचते-गाते हैं। स्थानीय निवासी विशेष रूप से एनआरआई कॉलोनी के लोग, इस पदयात्रा से परेशान हैं।
महिलाओं ने तख्तियों के साथ किया विरोध
आक्रोशित महिलाओं ने “कौन-सी भक्ति, कौन-सा दर्शन… यह तो है केवल शक्ति प्रदर्शन” जैसे नारों वाली तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि रात में होने वाले इस शोर से उनकी नींद में खलल पड़ता है। कॉलोनी में बुजुर्ग और बीमार लोग रहते हैं, जिनके लिए यह शोर असहनीय हो गया है।
आश्रम का बयान
आश्रम के प्रवक्ता ने कहा कि पदयात्रा के दौरान शोर मचाने वाले श्रद्धालु आश्रम से जुड़े हुए नहीं हैं। उन्होंने कई बार लाउडस्पीकर और पटाखों के इस्तेमाल को रोकने की अपील की है। आश्रम का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है और वे चाहते हैं कि यात्रा शांति से पूरी हो।
विरोध के बाद पदयात्रा पर रोक
इस विवाद और स्थानीय विरोध के बाद आश्रम ने प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया है। आश्रम ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा कि भविष्य में यात्रा के दौरान किसी भी असुविधा से बचने के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे।
स्थानीय निवासियों की मांग
निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में इस तरह के आयोजनों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं ताकि किसी की दिनचर्या और स्वास्थ्य प्रभावित न हो।