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महाकुंभ 2025: डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी, अभूतपूर्व खगोलीय संयोग में शुरू हुआ विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन

डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी, अभूतपूर्व खगोलीय संयोग में शुरू हुआ विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन

प्रयागराज: सनातन संस्कृति, आध्यात्म और आस्था का प्रतीक महाकुंभ 2025 आज प्रयागराज में भव्य शुरुआत के साथ इतिहास रच रहा है। पौष पूर्णिमा के अवसर पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में अमृत स्नान के लिए सुबह से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।

44 घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़, हेलिकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा

दोपहर 4 बजे तक 1.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई। भक्तों पर 20 क्विंटल फूलों की वर्षा की गई। प्रशासन ने मेले को सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए 60,000 जवानों को तैनात किया है। जगह-जगह हेलिकॉप्टर और एनएसजी कमांडो भीड़ पर नजर बनाए हुए हैं।

3700 लोग हुए बिछड़ने के बाद परिवारों से मिले

भारी भीड़ के बीच 3700 लोग अपने परिवारों से बिछड़ गए, लेकिन प्रशासन ने खोया-पाया केंद्रों के जरिए ज्यादातर को उनके परिजनों से मिलवा दिया।

विदेशी भक्तों की बड़ी तादाद

जर्मनी, ब्राजील और रूस समेत 20 देशों से भक्त महाकुंभ में भाग लेने आए हैं। साधु-संतों और नागा बाबाओं के अलग-अलग रूप, पेशवाई और हठयोग के प्रदर्शन श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं।

144 साल बाद बना दुर्लभ खगोलीय संयोग

महाकुंभ इस बार 144 वर्षों बाद बनने वाले खगोलीय संयोग के तहत हो रहा है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन बेहद शुभ माना जा रहा है। सूर्य, चंद्रमा, शनि और बृहस्पति की स्थिति समुद्र मंथन के समय के दुर्लभ योग की याद दिलाती है।

4000 हेक्टेयर में फैला मेला, 25 सेक्टरों में बंटा

उत्तर प्रदेश सरकार ने 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में आयोजित महाकुंभ को 25 सेक्टरों में विभाजित किया है। राज्य सरकार ने इसे 76वां जिला घोषित कर विशेष व्यवस्थाएं की हैं।

25,000 करोड़ का राजस्व और 2 ट्रिलियन रुपये का आर्थिक लाभ का अनुमान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि महाकुंभ से राज्य को 25,000 करोड़ रुपये का राजस्व और 2 ट्रिलियन रुपये का आर्थिक लाभ होगा। आयोजन से स्थानीय कारीगरों, होटल व्यवसायियों, खाद्य विक्रेताओं और अन्य व्यापारियों को बड़ी आर्थिक मदद मिलने की उम्मीद है।

श्रद्धालुओं के लिए कड़ी सुरक्षा और सुविधाएं

संगम तक पहुंचने के लिए वाहनों की एंट्री बंद है। श्रद्धालु रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से 10-12 किलोमीटर पैदल चलकर संगम पहुंच रहे हैं। पुलिसकर्मी स्पीकर से भीड़ को व्यवस्थित कर रहे हैं।

महाकुंभ 2025 अपने भव्य और ऐतिहासिक स्वरूप के साथ दुनिया को भारत की समृद्ध संस्कृति और आध्यात्म का दर्शन करा रहा है।

 

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