नरसिंहपुरमध्य प्रदेशराज्य

पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर नरसिंहपुर से बनखेड़ी तक पदयात्रा, गाडरवारा में हुआ भव्य स्वागत

गाडरवारा (नरसिंहपुर): प्रदेश में पत्रकारों पर हो रहे जानलेवा हमलों और उनके खिलाफ दर्ज किए जा रहे फर्जी मामलों को लेकर पत्रकारों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पत्रकारों की इन्हीं बढ़ती समस्याओं और उनकी सुरक्षा के लिए विशेष कानून की मांग को लेकर ‘पत्रकार संयुक्त मोर्चा’ द्वारा नरसिंहपुर से भाजपा सांसद दर्शन चौधरी के गृह नगर बनखेड़ी तक पैदल पदयात्रा की जा रही है।

इससे पूर्व पत्रकारों ने प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन किया था, जिसमें सांसद दर्शन चौधरी ने पत्रकारों को आश्वासन दिया था कि उनकी सभी मांगों को गंभीरता से लिया जाएगा और उनके सम्मान में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। सांसद के आश्वासन के बाद धरना स्थगित कर दिया गया था, किंतु लंबे समय के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई न होते देख पत्रकारों ने पुनः आंदोलन का मार्ग अपनाया और पदयात्रा शुरू की।

गाडरवारा में हुआ पत्रकारों का गर्मजोशी से स्वागत

पदयात्रा जैसे ही गाडरवारा पहुंची, वहां स्थानीय समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने पत्रकारों का भव्य स्वागत किया। सभी पदयात्रियों को फूल-मालाएं पहनाकर, श्रीफल भेंट कर और जयकारों के साथ सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कई वक्ताओं ने पत्रकारों की भूमिका को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए उनके लिए सुरक्षा कानून की आवश्यकता को जरूरी बताया।

पत्रकार संगठनों ने दी आंदोलन तेज करने की चेतावनी

पदयात्रा में शामिल पत्रकारों ने स्पष्ट किया कि यदि प्रदेश सरकार जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू नहीं करती है, तो यह आंदोलन और अधिक व्यापक और उग्र रूप लेगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखने के लिए पत्रकारों की स्वतंत्रता और सुरक्षा अनिवार्य है, और इसके लिए एक ठोस व प्रभावी कानून की आवश्यकता है।

सार्वजनिक समर्थन बढ़ा

इस पदयात्रा को ना सिर्फ पत्रकारों का, बल्कि आम जनता, सामाजिक संगठनों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी समर्थन प्राप्त हो रहा है। गाडरवारा में मिले समर्थन ने पत्रकारों को और अधिक मजबूती दी है। अब यह पदयात्रा अगले चरणों में बनखेड़ी की ओर प्रस्थान करेगी, जहां सांसद को उनके वादों की याद दिलाई जाएगी।

पत्रकारों की यह पदयात्रा न सिर्फ उनके अधिकारों की मांग है, बल्कि यह लोकतंत्र की नींव को सशक्त करने की दिशा में एक गंभीर प्रयास भी है। अब देखना यह होगा कि सरकार कब तक इस संवेदनशील मुद्दे पर गंभीर कदम उठाती है।

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