ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर पंजाब के तीन युवक ईरान में अगवा, वीडियो कॉल में मांगी करोड़ों की फिरौती

चंडीगढ़। विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर तीन पंजाबी युवकों के साथ बड़ा धोखा हो गया। ऑस्ट्रेलिया भेजने का झांसा देकर ईरान पहुंचाए गए पंजाब के संगरूर, एसबीएस नगर और होशियारपुर जिले के तीन युवक अब ईरान में किडनैपर्स के चंगुल में फंसे हुए हैं। इन युवकों को अगवा कर परिजनों से 55 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक की फिरौती मांगी जा रही है। परिजन सदमे में हैं और भारत सरकार से अपने बच्चों की सुरक्षित वापसी की गुहार लगा रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया भेजने का झांसा देकर ईरान पहुँचाया गया
परिजनों के अनुसार, तीनों युवकों को दिल्ली से ऑस्ट्रेलिया में वर्क वीजा पर भेजने का भरोसा दिलाया गया था। एजेंट ने उन्हें कहा था कि उन्हें कुछ समय के लिए ईरान होते हुए ऑस्ट्रेलिया ले जाया जाएगा। इस प्रक्रिया में उन्हें 1 मई को ईरान रवाना किया गया, लेकिन उसके बाद से उनका परिवार से संपर्क पूरी तरह टूट गया।
वीडियो कॉल में रस्सियों से बंधे दिखाई दिए युवक
कुछ दिन बाद परिवार वालों को एक वीडियो कॉल प्राप्त हुआ, जिसमें तीनों युवक रस्सियों से बंधे हुए, बुरी हालत में दिखे।
- उनके शरीर पर गहरे जख्म और चोटों के निशान थे।
- गले पर चाकू रखा गया था, जिससे परिजनों को डराया गया।
- किडनैपर्स कभी ₹55 लाख और कभी ₹1 करोड़ की फिरौती मांग रहे हैं।
परिजनों के मुताबिक वीडियो कॉल में युवकों की हालत बेहद नाजुक और डरावनी थी।
एजेंट फरार, परिजनों ने लगाई मदद की गुहार
जिस एजेंट ने तीनों युवकों को विदेश भेजा था, वह घटना के बाद से फरार हो गया है। एजेंट का मोबाइल बंद है और उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है।
परिजनों ने संबंधित एजेंट के खिलाफ FIR दर्ज कराई है और सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
भारतीय दूतावास सक्रिय, ईरान सरकार से संपर्क
परिजनों की शिकायत के बाद विदेश मंत्रालय और भारत सरकार हरकत में आ गए हैं।
- भारतीय दूतावास ने ईरान सरकार से संपर्क कर तीनों भारतीय नागरिकों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
- दूतावास ने ईरानी अधिकारियों से जल्द से जल्द युवकों का पता लगाने और उन्हें मुक्त कराने का आग्रह किया है।
मानव तस्करी और फर्जी वीजा रैकेट पर फिर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से फर्जी वीजा एजेंटों और मानव तस्करी के गोरखधंधे को उजागर कर दिया है।
- हर साल हजारों युवा पंजाब से विदेश जाने की चाह में ऐसे अवैध नेटवर्क का शिकार हो जाते हैं।
- इस मामले ने सरकार और प्रशासन को इस दिशा में कड़ी निगरानी और नीति सुधार की आवश्यकता का संदेश दिया है।
परिजनों की मांगें:
- युवकों को सुरक्षित भारत लाने की कार्यवाही में तेजी लाई जाए।
- दोषी एजेंट को गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए।
- विदेश भेजने वाले एजेंटों की प्रामाणिकता जांचने के लिए केंद्रकृत ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया जाए।
- मानव तस्करी और फर्जी वीजा रैकेट पर राष्ट्रीय स्तर पर सख्ती हो।
निष्कर्ष:
तीन परिवारों की उम्मीदें अब भारत सरकार की कार्रवाई और ईरानी प्रशासन के सहयोग पर टिकी हुई हैं। यह घटना न केवल एक अंतरराष्ट्रीय अपहरण का मामला है, बल्कि यह चेतावनी भी है कि विदेश जाने की चाह में कोई भी कदम सोच-समझकर उठाएं और सत्यापित एजेंटों के ज़रिए ही प्रक्रिया अपनाएं।