मौसम की मार: बेमौसम बारिश से बढ़ी किसानों की चिंता, गेहूं-चना की फसल पर खतरा

रिपोर्टर अवधेश चौकसे सालीचौका
सालीचौका, नरसिंहपुर। एक तरफ किसान गेहूं और चना की फसलों की कटाई की तैयारी कर रहे थे, तो दूसरी ओर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की संभावना ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। बुधवार शाम हुई बूंदाबांदी से खेतों में खड़ी फसल को नुकसान होने की आशंका है।
कटाई के समय बारिश बनी मुसीबत
मार्च के अंतिम सप्ताह में गेहूं और चना पूरी तरह पकने लगते हैं, और अप्रैल की शुरुआत में इनकी कटाई जोरों पर होती है। इस बार भी कई जगह कटाई शुरू हो चुकी है, लेकिन अचानक मौसम बदलने से किसानों को नुकसान का डर सताने लगा है। खेतों में खड़ी गेहूं की फसल पानी पड़ने से गिर सकती है, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता प्रभावित होगी। वहीं, चना की फसल कटकर खलिहानों में पहुंच गई है, ऐसे में नमी बढ़ने से उसकी गुणवत्ता खराब हो सकती है।
व्यापारियों और किसानों की दोहरी चिंता
खेती पर निर्भर व्यापारी भी इस बेमौसम बारिश से परेशान हैं। यदि गेहूं और चने की फसल खराब होती है, तो बाजार में अनाज की आपूर्ति पर असर पड़ेगा, जिससे कीमतों में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
कृषि विशेषज्ञों की सलाह
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को मौसम की स्थिति पर नजर बनाए रखनी चाहिए। अगर बारिश या ओलावृष्टि के संकेत मिलते हैं, तो कटाई जल्द पूरी कर फसल को सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिए। इसके अलावा, खलिहानों में रखे अनाज को तिरपाल या प्लास्टिक से ढंकने की सलाह दी जा रही है ताकि फसल खराब न हो।
क्या कहते हैं किसान?
स्थानीय किसान रामस्वरूप पटेल का कहना है, “गेहूं की फसल एक हफ्ते में पूरी तरह पकने वाली थी, लेकिन इस बारिश ने हमें चिंता में डाल दिया है। अगर आगे भी बारिश हुई, तो हमें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।”
अब किसानों की नजरें मौसम पर टिकी हैं। अगर आने वाले दिनों में बारिश और ओलावृष्टि तेज होती है, तो उनकी मेहनत पर पानी फिर सकता है।