निवेश परियोजनाओं के क्रियान्वयन में निवेशकों की सहायता करेगा जिला स्तरीय निवेश प्रोत्साहन केंद्र. केंद्र में रखी जायेंगी जिले में उपलब्ध संसाधनों की जानकारी.
समय पर अनुमतियां और अनापत्तियां भी दिलायेगा निवेश प्रोत्साहन केंद्र
निवेश परियोजनाओं के क्रियान्वयन में निवेशकों की सहायता करेगा जिला स्तरीय निवेश प्रोत्साहन केंद्र. केंद्र में रखी जायेंगी जिले में उपलब्ध संसाधनों की जानकारी.
समय पर अनुमतियां और अनापत्तियां भी दिलायेगा निवेश प्रोत्साहन केंद्र
कलेक्टर कार्यालय के कक्ष क्रमांक-43 में स्थापित किया जा रहा है। इस सुसज्जित कक्ष में निवेशकों के बैठने की सम्माजनक व्यवस्था के साथ ही संचार के आधुनिक संसाधन भी उपलब्ध रहेंगे। निवेशकों से संवाद और समन्वय स्थापित करने तथा निवेश से सबंधित उनकी कठिनाइयों को निराकृत करने एक नोडल अधिकारी को भी निवेश प्रोत्साहन केंद्र में नियुक्त किया जा रहा है।
नोडल अधिकारी केंद्र में आने वाले निवेशकों का जिला कलेक्टर से संवाद स्थापित करायेंगे। निवेश हेतु आवश्यक समस्त वैधानिक अनुमतियाँ, अनापत्तियों एवं अनुज्ञप्तियों का चिन्हांकन कर सूचीबद्ध करेंगे तथा निवेशक का प्रकरण संबंधित विभागों को प्रेषित कर उनकी पूर्ति कराकर वापिस भी प्राप्त करेंगे।
निवेश प्रोत्साहन केंद्र के नोडल अधिकारी निवेश परियोजना या उद्योग की स्थापना के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही करेंगे तथा जिनका निराकरण जिला स्तर पर निराकरण न संभव हो उन्हें निवेश परियोजना की श्रेणी के अनुरूप प्रमुख सचिव सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अथवा विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग, पर्यटन विभाग या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग आदि को समुचित कार्यवाही के लिए अग्रेषित करेंगे।
निवेश प्रोत्साहन केंद्र के माध्यम से नवीन औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिये जिले में उपलब्ध अविकसित शासकीय भूमि चिन्हांकित करना एवं चिन्हित भूमि को औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अथवा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग या विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग व अन्य विभागों को हस्तांतरित कराने हेतु जिला स्तर पर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। इन कार्यवाहियों को संपादित करने का दायित्व नोडल अधिकारी का होगा।
नोडल अधिकारी द्वारा जिले में उपलब्ध स्थानीय संसाधनों एवं इण्डस्ट्रीयल इको-सिस्टम की संकलित जानकारी निवेश प्रोत्साहन केंद्र में रखी जायेगी। निवेश परियोजना के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को कलेक्टर के ध्यान में लाकर उसे जिला स्तरीय निवेश संवर्धन एवं समन्वय समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का दायित्व निवेश प्रोत्साहन केंद्र के नोडल अधिकारी का होगा। नोडल अधिकारी पर निवेश परियोजनाओं के प्राप्त आवेदनों एवं प्रकरणों का सार तथा उनके निराकरण की अद्यतन स्थिति तैयार कर जिला स्तरीय निवेश संवर्धन एवं समन्वय समिति के समक्ष प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी भी होगी।