जंगल की कटाई की जगह हरित भूमि को नेशनल पार्क घोषित किया जाए: शुभम द्विवेदी

हैदराबाद; रंगा रेड्डी जिले के सेरिलिंगमपल्ली मंडल के कांचे गाचीबोवली गांव के क्षेत्र में तेलंगाना प्रशासन द्वारा चार सौ एकड़ भूमि पर आईटी पार्क और अन्य परियोजनाओं के निर्माण के मद्देनज़र हरित क्षेत्र की कटाई रोकने की माँग को लेकर ग़ैर लाभकारी संगठन मानवाधिकार एक्शन फोरम के अध्यक्ष एडवोकेट शुभम द्विवेदी ने पर्यावरण मंत्रालय वन और जलवायु परिवर्तन विभाग से पत्र लिख कर अनुरोध किया है।
पत्र में लिखा गया है की वर्तमान में वहाँ विविध प्रकार के पेड़ एवं जीव उपस्थित है 2008-09 में हैदराबाद विश्वविद्यालय और वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWAF)-India द्वारा किए गए एक संयुक्त अध्ययन में कहा गया था कि यह क्षेत्र 455 से अधिक प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का निवास स्थान है। इसमें जड़ी-बूटियां, झाड़ियां, बेलें, तितलियां, ड्रैगनफ्लाई जैसी प्रजातियां, मकड़ियां, उभयचर जीव, पक्षी और स्तनधारी शामिल हैं और जीवों की समृद्ध विविधता वाले इस वन क्षेत्र में हिरण, मोर, जंगली सूअर और कछुए इत्यादि का भाड़ी संख्या में वास है।
हमारे सहयोगी व ईं. आरके जायसवाल समाजसेवी से एडवोकेट शुभम द्विवेदी ने बताया की इस अनुमति व प्रस्ताव हम सभी सहमत नहीं हैं। वहीं टीजीआईआईसी और सीएमओ अधिकारियों के कहना है की राजस्व रिकॉर्ड “स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि चार सौ एकड़ भूमि वन भूमि नहीं है।” यह बात सत्य है कि वह भूमि राजस्व रिकॉर्ड में बंजर भूमि में दर्ज है परन्तु यह रिकॉर्ड पुराने समय के है और वर्तमान में वहाँ पूर्ण रूप से वन मौजूद है। वहाँ विविध प्रकार के जीव जंतु भाड़ो संख्या में निवास कर रहे है। यह केवल अभिलेख दर्ज के हिसाब से वन भूमि होना ज़रूरी नहीं है और वर्तमान दृष्टिकोण यह कहता है कि वह जंगल है।इसलिए हमने मांग की है कानूनी औपचारिकताओं और स्वामित्व से परे इस भूमि को अछूता छोड़ दिया जाए, क्योंकि यहां जंगली और अन्य जीवों का एकमात्र स्थान है। साथ ही इसमें विशाल चट्टानी संरचनाएं और जल निकाय हैं इसलिए तत्काल वन कटाई पर रोक लगाई जाएँ एवं इसे नेशनल पार्क घोषित किया जाए।