मृत्यु उत्सव के एक दिन पूर्व विधि विधान के साथ मां नर्मदा के तट बरमान में पिंडदान किया गया । मृत्यु महोत्सव कार्यक्रम के शुभारंभ पर भगवान राधा कृष्ण के तेल चित्र के समक्ष पूजा अर्चना कर दीप प्रज्वलित किया गया ।
तत्पश्चात उपस्थित सभी लोगों ने स्वामी परसराम का पुष्पमाला से स्वागत किया गया । पूर्व विधायक नरेश पाठक, नगर पालिका अध्यक्ष पंडित शिवाकांत मिश्रा ने संबोधित करते हुए कहा कि आध्यात्मिक जीवन जी रहे स्वामी परसराम ने इस जगत में जीते जी आत्मा की संतुष्टि एवं शांति के लिए मृत्यु महोत्सव पूरे विधि विधान मनाकर जीवांत अवस्था मे मृत्यु का आनंद भाव से उत्सव के रूप में स्वागत किया ।
आयोजन समिति के वीडी त्रिपाठी ने संबोधित करते स्वामी परसराम के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि मौत तो सबको आनी है लेकिन मृत्यु के उपरांत कार्यक्रम कौन करेगा तो उन्होंने जीवित रहते हुए अपने आत्मीयजनो, समाजिक लोगो के साथ मृत्यु महोत्सव मनाकर समाज को एक नया संदेश दिया है ।
स्वामी परसराम ने कहा कि आज मुझे अलग ही आनंद की अनुभूति हो रही । मेने अपनो के बीच जीवित रहते हुए मृत्यु उपरांत किए जाने वाले सभी संस्कारो के साथ मृत्यु उत्सव मनाया जिस तरीके से हम खुशी के साथ जन्मोत्सव मनाते हैं क्यों न हम मृत्यु महोत्सव भी धूमधाम से मनाए, जीवन यदि उत्सव है तो मृत्यु महोत्सव है । मां नर्मदा के आशीर्वाद और ओशो की प्रेरणा से मृत्यु महोत्सव है और बहुत खुश हूं कि मैने जीते जी ऐसा कार्य किया ।
कार्यक्रम का संचालन सत्य प्रकाश बसेडिया एवं आभार प्रदर्शन घनश्याम राजपूत ने किया । गीत संगीत के कार्यक्रम में गायको ने शानदार गीतों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं मनमोह लिया । आयोजन समिति के राकेश पाठक, मिनेन्द्र डागा, वीडी त्रिपाठी, घनश्याम राजपूत, चंद्रकांत शर्मा, अशोक सराठे , लखन पटेल, राजेश शर्मा सहित मित्र मंडली का कार्यक्रम को सफल बनाने में सराहनीय सहयोग रहा । साहू समाज परिषद के राजेंद्र साहू, रमेश साहू सहित अन्य लोगों ने स्वामी परसराम साहू का स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया । कार्यक्रम में पार्षद सभापति सुरेंद्र गुर्जर, आनंद दुबे, शुभम राजपूत, बसंत तिवारी , सुरेंद्र राजपूत, अशोक भार्गव, भैया जी रावत, गोपाल पांडेय, जय पाठक ,हर्ष पाठक, स्वामी प्रेम जी, राजू कोष्टी, रज्जन साहू सहित अनेकों लोग उपस्थित रहे । संस्कार पैलेस में आयोजित अनोखे किस्म का कार्यक्रम क्षेत्र में जनचर्चा का विषय बना हुआ है ।