Bareli: मरीज को समय पर इलाज न मिलने पर एसडीएम के पास बॉटल लगा पहुंचा, नर्स पर कार्रवाई के आदेश

बरेली (रायसेन)। स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति का एक और मामला सामने आया है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के गृह नगर रायसेन जिले के बरेली के सिविल अस्पताल में भर्ती एक मरीज को नर्स द्वारा बार-बार कहने के बावजूद समय पर इलाज नहीं मिला। मरीज को दी जा रही बॉटल (IV फ्लूइड) नहीं निकाली गई, जिससे परेशान होकर वह सीधे एसडीएम संतोष मुदगल के पास पहुंच गया और पूरा घटनाक्रम सुनाया।
एसडीएम ने दिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम संतोष मुदगल ने तुरंत मरीज की बॉटल निकलवाने के निर्देश दिए और अस्पताल के बीएमओ (ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर) को पत्र लिखकर लापरवाह नर्स पर कार्रवाई करने को कहा।
सरकारी दवाइयों का स्टॉक बरामद, लेकिन मरीजों तक नहीं पहुंची दवा
यह अकेला मामला नहीं है। बरेली के महेश्वर गांव में दो दिन पहले सरकारी दवाइयों का बड़ा स्टॉक बरामद हुआ था, जो अस्पताल में आने के बावजूद मरीजों को वितरित नहीं किया गया। इस लापरवाही के पीछे जिले के सीएमएचओ (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) डॉ. दिनेश खत्री की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है।
सीएमएचओ की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
- प्राइवेट अस्पतालों की ही करते हैं जांच, लेकिन सरकारी अस्पतालों पर ध्यान नहीं
- अस्पतालों की मान्यता पहले रद्द होती है, फिर कुछ दिनों बाद बहाल हो जाती है
- चौथी श्रेणी के कर्मचारियों के ट्रांसफर के आदेश होते हैं, फिर अचानक रद्द कर दिए जाते हैं
- चार साल से जिला अस्पताल में एक भी सर्जन नहीं, मरीज परेशान, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया
स्वास्थ्य मंत्री पर भी उठ रहे सवाल
स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के गृह जिले में लगातार हो रही लापरवाहियों और सीएमएचओ डॉ. दिनेश खत्री की कार्यशैली के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल होती जा रही है। क्या मंत्री इन लापरवाहियों पर ध्यान देंगे? या फिर सरकारी अस्पतालों की हालत ऐसे ही बनी रहेगी?
जांच और कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों और मरीजों ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अगर जल्द सुधार नहीं हुआ, तो जनता आंदोलन का रुख भी अपना सकती है।