गाडरवारामध्य प्रदेशराज्य

भारतीय पूजा पद्धति में पर्यावरण संरक्षण की प्राचीन परंपरा – सिराज अहमद

भारतीय पूजा पद्धति में पर्यावरण संरक्षण की प्राचीन परंपरा - सिराज अहमद

भारतीय पूजा पद्धति में पर्यावरण संरक्षण की प्राचीन परंपरा – सिराज अहमद

गाडरवारा । साईंखेड़ा ब्लाक के पाली स्कूल में मिट्टी की प्रतिमा बनाने का प्रशिक्षण दिया गया । भारतीय पूजा पद्धति में प्राकृतिक वस्तुओं की पूजन के बाद विसर्जित करने की परंपरा है प्राचीन काल से ही मिट्टी की मूर्ति बनाकर पूजा करने और विसर्जित किया जाता रहा है वर्तमान में जहरीले रसायन एवं अघुलनशील अघुलनशील पदार्थ से प्रतिमाएं बनाना आरंभ हुआ है जो की जल पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है इसे देखते हुए मध्य प्रदेश शासन एवं ऐपको के द्वारा चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत आगामी गणेश उत्सव में मिट्टी की मूर्ति को अपने पाली स्कूल प्रधान पाठक सिराज अहमद और शिक्षक बृजेश श्रीवास ने शाला के विद्यार्थियों को प्रकृति की रक्षा के लिए मिट्टी की ही प्रतिमा बनाने का प्रशिक्षण देते हुए मिट्टी की पर्यावरण मित्रता का संदेश दिया इसमें प्लास्टर ऑफ पेरिस की जाल में लंबे समय तक अघूलनशील तथा जहरीले रंगों से जली जीवन पर होने वाले नुकसान को भी बताया । सिराज अहमद ने कहा कि इसे सिर्फ एक नारे के रूप में ना लें बल्कि इसे अपना कर ईश्वर के बनाए प्रकृति पर्यावरण को बचाने में अपना व्यक्तिगत योगदान दें।

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