सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का भव्य समापन, लाखों भक्तों ने ओरछा में दिखाया एकता का संदेश
ओरछा में लाखों भक्तों का जनसैलाब
रिपोर्टर विमलेश श्रीवास
बागेश्वर/ओरछा। श्री बागेश्वर धाम संन्यासी बाबा जी सरकार की प्रेरणा से प्रारंभ हुई सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का 9 और अंतिम दिन शुक्रवार को भव्य रूप से संपन्न हुआ। यह पदयात्रा 21 नवंबर को बागेश्वर धाम से शुरू हुई थी और 29 नवंबर को ओरछा में भगवान श्री सियाराम राजा सरकार के मंदिर पर समापन हुआ।
ओरछा में लाखों भक्तों का जनसैलाब
पदयात्रा में पंडित श्री धीरेन्द्र शास्त्री सहित अनेक संतों ने सहभागिता की। हजारों संतों और लाखों भक्तों का यह जनसमूह सुबह भगवान श्री सियाराम और हनुमान जी महाराज की पूजा-अर्चना और आरती के लिए ओरछा के पवित्र मंदिर पहुंचा। इसके बाद एक विशाल मैदान में धर्मगुरुओं ने प्रवचन दिए और सनातन धर्म की एकता का संदेश दिया।
जातिवाद और छुआछूत को त्यागने का आह्वान
संतों ने कहा, “सनातन धर्म एक है। जातिवाद और छुआछूत को त्यागकर हमें एकजुट होना होगा। सभी हिंदू एक हैं, तभी भारत को हिंदू राष्ट्र बनाया जा सकता है।” मंच से भगवान श्री सियाराम और हनुमान जी के पाठ, मंत्रों और हनुमान चालीसा का सामूहिक गायन किया गया, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
नरसिंहपुर के भक्तों की सहभागिता
इस पदयात्रा में नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा तहसील से भक्त—राजेश चौकसे, पत्रकार विमलेश श्रीवास, परशोत ठाकुर, श्री महाराज और योगेश नामदेव और भी अन्य लोगो ने भी भाग लिया। ये भक्त गुरुवार को ही ओरछा पहुंच गए थे और सुबह पीतांबरा माता के दर्शन कर यात्रा में शामिल हुए।
प्रशासनिक व्यवस्था रही चाक-चौबंद
यात्रा के दौरान प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखा। भारी भीड़ के बावजूद यात्रा का आयोजन सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण रहा।
सनातन धर्म की एकता का उत्सव
इस नो दिवसीय पदयात्रा ने सनातन धर्म की एकता और सामाजिक समरसता का सशक्त संदेश दिया। भक्तों ने इस आयोजन को धर्म और संस्कृति के प्रति अपनी आस्था का महापर्व बताया।