सौरभ शर्मा मामले में कांग्रेस का पुतला दहन प्रदर्शन, सरकार पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप

गाडरवारा/भोपाल:मध्य प्रदेश में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस का आंदोलन तेज हो गया है। सौरभ शर्मा मामले को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को राज्यभर में मुख्यमंत्री मोहन यादव का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। गाडरवारा के पानी की टंकी क्षेत्र में इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प भी हुई।
क्या है सौरभ शर्मा मामला?
परिवहन विभाग में कांस्टेबल रहे सौरभ शर्मा के पास से लोकायुक्त ने छापेमारी में 52 किलो सोना, बड़ी मात्रा में नकद और संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए थे। कांग्रेस का आरोप है कि शर्मा के जरिए सामने आया यह मामला विभागीय भ्रष्टाचार की बड़ी परतों को उजागर करता है।
जमानत और चार्जशीट में देरी पर सवाल
शर्मा को हाल ही में अदालत से जमानत मिल गई, लेकिन कांग्रेस का दावा है कि लोकायुक्त की चार्जशीट में जानबूझकर देरी की जा रही है। पार्टी नेताओं का आरोप है कि सरकार जांच एजेंसियों पर दबाव बनाकर आरोपी को बचा रही है।
राज्यव्यापी प्रदर्शन और पुतला दहन
कांग्रेस ने रविवार को सभी ब्लॉक मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री मोहन यादव का पुतला जलाकर विरोध जताया। पार्टी ने इसे ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ जनजागरण अभियान’ का हिस्सा बताया। इस दौरान कई जगहों पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका, जिससे तनाव की स्थिति बनी।
सरकार पर गंभीर आरोप
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “सरकार भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रही है और जांच एजेंसियों की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हम निष्पक्ष जांच और जवाबदेही की मांग करते हैं।”
जनता की भूमिका और अगला कदम
इस मुद्दे पर जनता की भी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कई सामाजिक संगठनों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। कांग्रेस ने आने वाले दिनों में और आक्रामक आंदोलन की चेतावनी दी है। साथ ही, मामले को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की भी तैयारी चल रही है।
निष्कर्ष
सौरभ शर्मा मामला अब सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं रहा, बल्कि यह प्रशासनिक पारदर्शिता और राजनीतिक जवाबदेही का प्रतीक बन चुका है। देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और क्या जनता का विश्वास बहाल हो पाता है।