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संबल योजना: 28 मार्च को 23,162 श्रमिक परिवारों को मिलेगा तोहफा, सीएम मोहन यादव वितरित करेंगे 505 करोड़ रुपये

 

भोपाल | 27 मार्च 2025
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा असंगठित श्रमिकों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए संचालित मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत एक और बड़ा लाभ वितरण कार्यक्रम होने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शुक्रवार, 28 मार्च को मंत्रालय से एक सिंगल क्लिक में 23,162 श्रमिक परिवारों को 505 करोड़ रुपये की अनुग्रह सहायता राशि अंतरित करेंगे।

यह सहायता राशि उन श्रमिक परिवारों को दी जा रही है जो योजना के तहत पंजीकृत हैं और जिनके प्रकरणों में अनुग्रह सहायता स्वीकृत की गई है। यह वितरण राज्य सरकार की श्रमिक हितैषी नीतियों को दर्शाता है।

अब तक 1.74 करोड़ श्रमिक पंजीकृत

राज्य सरकार ने संबल योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 2018 को की थी। तब से अब तक 1 करोड़ 74 लाख श्रमिकों का योजना के अंतर्गत पंजीयन किया जा चुका है। श्रम विभाग द्वारा अब तक 6 लाख 58 हजार से अधिक प्रकरणों में कुल 5,927 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है।

दिसंबर में बांटे गए थे 225 करोड़

इससे पहले दिसंबर 2024 में योजना के तहत 10,236 प्रकरणों में 225 करोड़ रुपये की सहायता राशि वितरित की गई थी। इस बार यह राशि दोगुनी से भी अधिक है, जिससे श्रमिक परिवारों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

संबल योजना के मुख्य लाभ

  • दुर्घटना में मृत्यु पर ₹4 लाख
  • सामान्य मृत्यु पर ₹2 लाख
  • स्थायी अपंगता पर ₹2 लाख
  • आंशिक अपंगता पर ₹1 लाख
  • अंत्येष्टि सहायता ₹5,000
  • महिला श्रमिकों को मातृत्व सहायता ₹16,000
  • बच्चों की उच्च शिक्षा का पूरा शिक्षण शुल्क राज्य सरकार वहन करती है

इसके अतिरिक्त, नीति आयोग की पहल पर अब गिग वर्कर्स और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी इस योजना में शामिल किया गया है। उन्हें भी सभी लाभ प्रदान किए जा रहे हैं।

स्वास्थ्य और राशन सुरक्षा भी योजना में शामिल

संबल योजना के हितग्राहियों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची भी प्रदान की जाती है, जिससे वे केंद्र और राज्य सरकार की रियायती दरों पर राशन प्राप्त करते हैं। साथ ही उन्हें आयुष्मान भारत निरामयम योजना के तहत 5 लाख रुपये वार्षिक निःशुल्क चिकित्सा सहायता भी मिल रही है।

“जन्म से मृत्यु तक” सुरक्षा कवच

संबल योजना वास्तविक रूप से श्रमिकों के लिए एक “जन्म से मृत्यु तक” की सुरक्षा कवच बन चुकी है। यह न सिर्फ एक सामाजिक कल्याण योजना है, बल्कि लाखों परिवारों के जीवन में स्थायित्व और आशा का स्रोत भी बन गई है।

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