नगर के माता मोहल्ला में परचरी पुराण का समापन, सिंगाजी महाराज के उपदेशों ने दी प्रेरणा
नगर के माता मोहल्ला में परचरी पुराण का समापन, सिंगाजी महाराज के उपदेशों ने दी प्रेरणा
रिपोर्टर सुनील राठौर भौरा
भौरा । नगर के माता मोहल्ला में पांच दिवसीय परचरी पुराण का समापन बुधवार को हुआ। संत सिंगाजी महाराज की प्रेरणा से आयोजित इस आध्यात्मिक ज्ञान यज्ञ में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। कथा वाचक रमेश महाराज, सिंगाजी धाम, खंडवा, ने अपने समापन प्रवचनों में भक्तों को जीवन के उच्च आदर्शों और मानवता के कल्याण के लिए समर्पित रहने का संदेश दिया। रमेश महाराज ने संत सिंगाजी महाराज के उपदेशों का उल्लेख करते हुए कहा कि सच्ची भक्ति केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे अपने जीवन के कर्मों में उतारना ही असली भक्ति है। उन्होंने कहा, मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना है। सत्य, प्रेम और परोपकार के मार्ग पर चलकर ही जीवन सफल और समाज कल्याणकारी बन सकता है। महाराज ने परोपकार और सेवा का महत्व बताते हुए कहा कि समाज में शांति और समृद्धि तभी आएगी जब हम अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर दूसरों की भलाई के लिए काम करेंगे।
परोपकार का अर्थ केवल दान देना नहीं है, बल्कि यह है कि हम अपने कर्मों से दूसरों के जीवन को बेहतर बनाएं। आध्यात्मिकता और सामाजिक उत्तरदायित्व पर जोर देते हुए महाराज ने कहा, संत सिंगाजी ने अपने जीवन से यह सिखाया कि धर्म का पालन करते हुए भी समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को कैसे निभाया जा सकता है। उनके प्रवचनों ने श्रद्धालुओं को जीवन के नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों की ओर प्रेरित किया। समापन पर आयोजित विशेष महाआरती और महाप्रसादी में नगर और आसपास के सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया। आयोजन समिति के देवीप्रसाद यादव,राजेश यादव ने बताया कि संत सिंगाजी महाराज के संदेश आज भी समाज को नई दिशा देने में सक्षम हैं। श्रद्धालुओं ने आयोजन की सराहना करते हुए रमेश महाराज और समिति का आभार व्यक्त किया।