नीति आयोग का बड़ा कदम: 15 हजार गांवों को बाल विवाह मुक्त बनाने की पहल,73 आकांक्षी जिलों में चलेगा अभियान
कृषक सहयोग संस्थान ने जिले को बाल मजदूरी,बाल विवाह,बच्चों की तस्करी और यौन शोषण से मुक्त कराने जताई प्रतिबद्धता
रिपोर्टर सम्राट अंकित कुशवाहा
रायसेन। बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण को मजबूत करने के लिए नीति आयोग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। नीति आयोग और एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन (एवीए) ने मिलकर देश के पिछड़े क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए एक साल में 104 प्रखंडों के 15 हजार गांवों को बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है।
इस पहल के लिए नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (एसओआई) पर हस्ताक्षर किए गए। कृषक सहयोग संस्थान ने इस साझेदारी का स्वागत करते हुए रायसेन जिले को बाल मजदूरी,बाल विवाह,बच्चों की तस्करी और यौन शोषण से मुक्त कराने की प्रतिबद्धता जताई है।
जानकारी देते हुए कृषक सहयोग संस्थान के निदेशक डॉ एच बी सेन ने बताया कि दो वर्षीय इस कार्यक्रम के तहत 73 आकांक्षी जिलों में ‘सुरक्षित बाल ग्राम’ की स्थापना की जाएगी। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2018 में शुरू किए गए आकांक्षी जिला कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश के 112 पिछड़े जिलों का समग्र विकास करना है।
कृषक सहयोग संस्थान के जिला समन्वयक अनिल भवरे ने बताया संस्था और एवीए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन नेटवर्क के सदस्य हैं,जो देश के 416 जिलों में बाल अधिकारों की रक्षा के लिए काम कर रहे 250 से अधिक गैर-सरकारी संगठनों का समूह है। इस पहल के तहत स्कूल न जाने वाले बच्चों को शिक्षा और कौशल विकास से जोड़ा जाएगा, साथ ही वंचित परिवारों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा।