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नैनवारा से विष्णुपुर तक बाघ की गतिविधि, वन विभाग ने बढ़ाई सुरक्षा और सर्च अभियान तेज

ग्रामीणों को सतर्कता के निर्देश, सुरक्षा के उपाय

नैनवारा से विष्णुपुर तक बाघ की गतिविधि, वन विभाग ने बढ़ाई सुरक्षा और सर्च अभियान तेज

बरमान। भटेरा क्षेत्र से आगे बढ़ते हुए बरमान वन परिक्षेत्र में नैनवारा से लेकर विष्णुपुर तक बाघ के पदचिन्हों की लगातार उपस्थिति से वन विभाग अलर्ट हो गया है। पिछले कुछ दिनों में ग्राम भटेरा में एक गाय का शिकार करने के बाद बाघ की गतिविधियों ने ग्रामीणों के बीच चिंता बढ़ा दी है। वन विभाग की तीन टीमें अब बाघ की मूवमेंट पर नजर रखते हुए सर्च ऑपरेशन चला रही हैं और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

बाघ की खोज और उसके पदचिन्हों के आधार पर दिशा-निर्देश

वन विभाग के डिप्टी रेंजर गौरव वानखेड़े ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा दी गई जानकारी के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए वन विभाग की टीम नैनवारा पहुंची। खेतों में पानी की पाइपलाइन के पास गीली मिट्टी में बाघ के ताजे पदचिन्हों की पुष्टि होने के बाद टीमों ने अपनी खोज का दायरा विष्णुपुर तक बढ़ा दिया है। बाघ की सही स्थिति का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे नदी किनारे और झाड़ियों में भी निगरानी बढ़ाई जा रही है।

ग्रामीणों को सतर्कता के निर्देश, सुरक्षा के उपाय

बाघ की लगातार बढ़ रही गतिविधि को देखते हुए वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं। बाघ के गले में कालर आईडी नहीं है, जिससे उसकी लोकेशन का पता केवल पदचिन्हों के आधार पर ही लगाया जा रहा है। विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अकेले जंगल या खेतों में न जाएं, अपने पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखें, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना वन विभाग को दें।

अब तक किसी इंसान को नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन सतर्कता आवश्यक

अब तक बाघ ने जंगली सुअर और गाय का ही शिकार किया है, लेकिन विभाग लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दे रहा है। वन विभाग के अनुसार, बाघ जंगल के आसपास ही घूम रहा है और संभवतः भोजन की तलाश में आसपास के क्षेत्रों का दौरा कर रहा है। विभाग ग्रामीणों को यह भी कह रहा है कि रात के समय विशेष सावधानी बरतें और सतर्कता के साथ अपने कार्य करें।

वन विभाग का विशेष अभियान, लगातार निगरानी

वन विभाग की टीमें इस क्षेत्र में दिन-रात बाघ की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं और उसकी गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही हैं। ड्रोन के माध्यम से क्षेत्र की निगरानी और पदचिन्हों के आधार पर बाघ की दिशा का अनुमान लगाया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारी लगातार स्थिति का आकलन कर रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द बाघ को सुरक्षित तरीके से जंगल की ओर ले जाया जा सके।

वन विभाग की सक्रियता और सावधानी से बाघ की मूवमेंट पर कड़ी नजर रखी जा रही है, जिससे क्षेत्र में सुरक्षा बनी रहे। विभाग के अनुसार, सभी ग्रामीणों को भी वन विभाग के निर्देशों का पालन करना चाहिए ताकि कोई अप्रिय घटना न हो और बाघ को बिना किसी नुकसान के जंगल की ओर लौटाया जा सके।

 

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