मध्यप्रदेश में नई आबकारी नीति लागू: शराब बिक्री के नियमों में बड़ा बदलाव, अब ऐसे मिलेगी शराब
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भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में शराब बिक्री को लेकर नई आबकारी नीति लागू कर दी है। इस नीति के तहत 13 नगर निगमों और 6 ग्राम पंचायतों में शराब की दुकानें पूरी तरह से बंद कर दी जाएंगी। इन क्षेत्रों में अब किसी भी प्रकार के बार, वाइन शॉप या शराब बिक्री के लिए नए लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे और न ही इन दुकानों को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाएगा।
बैंक गारंटी अनिवार्य
नई नीति के अनुसार, शराब लाइसेंस धारकों को बैंक गारंटी जमा करनी होगी, जो 30 अप्रैल 2026 तक वैध रहेगी। इस गारंटी का उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकेगा।
बंद दुकानों के नुकसान की भरपाई
धार्मिक और ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानें बंद होने के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने विशेष फार्मूला तैयार किया है। इसके तहत, बंद दुकानों के वार्षिक मूल्य का 25% अन्य दुकानों की कीमतों में जोड़ा जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी दुकान का वार्षिक मूल्य ₹10 करोड़ था, तो नई नीति के बाद उसका रिजर्व मूल्य ₹14.50 करोड़ हो सकता है।
शराब बिक्री के लिए नए नियम
सरकार ने कमर्शियल आयोजनों के लिए शराब बिक्री के नए लाइसेंस नियम भी लागू किए हैं।
- 500 लोगों तक के इवेंट के लिए लाइसेंस शुल्क ₹25,000 होगा।
- 5000 से अधिक लोगों के इवेंट के लिए यह शुल्क ₹2 लाख तक हो सकता है।
राज्य सरकार का मानना है कि इस नई नीति से शराब बिक्री पर अधिक नियंत्रण रखा जा सकेगा और प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत होगी। साथ ही, धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में शराब की उपलब्धता को भी रोका जा सकेगा।