केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाई जाए: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
मध्यप्रदेश के विकास के लिए अतिरिक्त वित्तीय अनुदान की मांग, अगले पांच वर्षों में बजट दोगुना करने का लक्ष्य

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 16वें वित्त आयोग की बैठक में राज्यों की आर्थिक मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 41% से बढ़ाकर 48% की जाए। इससे राज्य अधिक सशक्त होंगे और विकास की गति तेज होगी। उन्होंने कहा कि “विकसित भारत का निर्माण, विकसित मध्यप्रदेश के बिना संभव नहीं”।
राज्य के दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए अधिक वित्तीय सहयोग जरूरी
गुरुवार को कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश एक बड़ा राज्य है और इसकी जरूरतें भी बड़ी हैं। उन्होंने राज्य के विभिन्न विकास योजनाओं के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता पर बल दिया। अगले पांच वर्षों में राज्य के बजट को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि और उद्योग के लिए बड़े कदम
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 30 लाख किसानों को सोलर पंप दिए जाएंगे, जिससे वे ऊर्जादाता भी बनेंगे। साथ ही, राज्य में 18 नई औद्योगिक नीतियां लागू की गई हैं, जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 30.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जो प्रदेश में बढ़ते निवेशकों के विश्वास को दर्शाते हैं।
नदी जोड़ो परियोजनाओं से जल संकट का समाधान
राज्य में जल संकट से निपटने के लिए पार्वती-कालीसिंध-चंबल (PKC) परियोजना और केन-बेतवा लिंक परियोजना को तेजी से पूरा करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार के साथ ताप्ती नदी परियोजना पर भी काम चल रहा है।
राज्य की आर्थिक मजबूती पर वित्त आयोग की सराहना
वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने बैठक में कहा कि मध्यप्रदेश का आर्थिक प्रबंधन और विकास दर प्रशंसनीय है। आयोग के सदस्य मनोज पांडा ने कहा कि मध्यप्रदेश का भविष्य सुरक्षित हाथों में है और यह अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बन सकता है।
राजस्व प्रबंधन में आत्मनिर्भर बना मध्यप्रदेश
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि राज्य निरंतर राजस्व अधिशेष बनाए हुए है और कोविड-19 महामारी के बावजूद वित्तीय संतुलन बनाए रखने में सफल रहा। राज्य सरकार ने वित्त आयोग को एक मेमोरेंडम सौंपा, जिसमें विभिन्न विकास योजनाओं के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहयोग की आवश्यकता का जिक्र किया गया है।
“विकसित भारत के लिए विकसित मध्यप्रदेश जरूरी”
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि राज्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “2047 विकसित भारत” विजन के अनुरूप कार्य कर रहा है। प्रदेश सरकार ने गरीब कल्याण, युवा सशक्तिकरण, किसान कल्याण और महिला उत्थान को प्राथमिकता दी है।
मध्यप्रदेश बना निवेशकों की पहली पसंद
वित्त आयोग की बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक और पर्यटन क्षेत्रों में निवेश बढ़ा है। आध्यात्मिक पर्यटन, हेरिटेज और फिल्म पर्यटन जैसे नए क्षेत्रों में भी निवेश हो रहा है। सरकार ने व्यापार सुगमता और ऑनलाइन प्रशासनिक सुधारों के जरिए निवेशकों को आकर्षित किया है।
आगे की राह
मध्यप्रदेश सरकार ने वित्त आयोग के समक्ष राज्य की भावी वित्तीय आवश्यकताओं को स्पष्ट रूप से रखा और अधिक वित्तीय सहयोग की मांग की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को “आत्मनिर्भर राज्य” बनाने का सपना जल्द साकार होगा।