गायत्री शक्तिपीठ स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आरंभ, निकली कलष यात्रा हुआ साहित्यिक महाकुम्भ
गायत्री शक्तिपीठ स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आरंभ, निकली कलष यात्रा हुआ साहित्यिक महाकुम्भ

गाडरवारा। गायत्री शक्तिपीठ स्थापना की 38वीं वर्षगांठ परआयोजित तीन दिवस पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ प्रथम दिवस दोपहर को कलषयात्रा के अलावा आध्यात्मिक कवि सम्मेलन, द्वितीय दिवस अखंड ज्योति पाठक सम्मेलन एवं तृतीय दिवस भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में सम्मिलित विद्यालयों के शिक्षकों का सम्मान तथा छात्रों को प्रोत्साहन, प्रमाणपत्र वितरण का आयोजन रखा गया है। प्रथम दिवस सोमवार को भव्य दिव्य कलश यात्रा संपन्न होते ही कवियों द्वारा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। आध्यात्मिक कवि सम्मेलन में सरस्वती, गणेश वंदना, मानवीय कर्म, धर्म, व्यवहार, जीवन की सार्थकता, मौत की तैयारी से लेकर गौ, गंगा, गीता गायत्री जैसे विषयों पर सुन्दर काव्य पाठ में श्रोताओं द्वारा तालियों के माध्यम से कवियों का भरपूर उत्साह उत्साहवर्धन किया। सम्मेलन में करेली से रामनारायण कौरव राम, अवधेश कौरव, कौडिया से वृंदावन बैरागी कृष्णा, चिर्रिया से पीएस पुराणिया पांचाल, सिंहपुर छोटा से राजेश कौरव सुमित्र तथा स्थानीय कवि कुशलेंद्र श्रीवास्तव कुशल, विजय बेशर्म, सुविज्ञा स्थापक, राजेन्द्र राय, तुलसीराम उरधेया, रमाकांत गुप्ता, सुनील कौरव प्रवाह, डॉ राजेन्द्र राय, केशव पचौरी, मूलचंद पटेल द्वारा काव्यपाठ किया गया। सर्वप्रथम सभी कवियों द्वारा सामूहिक रूप से मां गायत्री मंदिर में दीप प्रज्वलित कर पूजन हुआ। तत्पश्चात कवियत्री सुविज्ञा स्थापक द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर सम्मेलन की शुरुआत की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्तर पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार कुशलेंद्र श्रीवास्तव द्वारा काव्यपाठ के साथ अपने उद्बोधन में नगर के षष्ठ, अष्टकोणीय मंदिरों व शताधिक वर्षीय सार्वजनिक पुस्तकालय के महत्व पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम का सफल संचालन रामनारायण कौरव द्वारा किया गया। वरिष्ठ परिजन विनोद श्रीवास्तव द्वारा आध्यात्मिक सत्संग कवि सम्मेलन श्रृंखला में एक मंचीय 16 कवियों द्वारा ज्ञानगंगा के प्रवाह को साहित्यिक महाकुम्भ बताते हुए समस्त कवियों एवं श्रोताओं की कृतज्ञता ज्ञापित की। गायत्री परिवार द्वारा सभी साहित्यकारों को अखंड ज्योति मासिक पत्रिका सम्मान स्वरूप प्रदान की गई।