भाजपा सरकार के संरक्षण में धान उत्पादक किसानों की लूट : माकपा
भाजपा सरकार के संरक्षण में धान उत्पादक किसानों की लूट : माकपा
रिपोर्टर अवधेश चौकसे
भोपाल। धान उत्पादक किसानों को प्रति क्विंटल की बजाय प्रति हेक्टेयर 2 हजार रुपए मुआवजा देने की भाजपा की डा. मोहन यादव सरकार की घोषणा किसानों को राहत देने की बजाय आहत करने वाली है। इस घोषणा से साफ हो गया है कि धान उत्पादक किसानों की मंडियों में हो रही अकल्पनीय लूट पर पर्दा डालने के लिए ही भाजपा सरकार ने यह घोषणा की है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव व राज्य समिति सदस्य जगदीश पटेल ने बयान जारी कर बताया है कि इस लूट को संरक्षण देने के लिए ही सरकार ने धान खरीदी केंद्र खोलने के अपने निर्णय पर समुचित अमल नहीं किया है। निर्णय के अनुसार 1412 खरीदी केंद्र प्रदेश भर में खुलने थे, लेकिन सरकार की ओर से लेटलतीफी के बाद सिर्फ 1125 खरीदी केंद्र ही खोले गए हैं। जो सरकारी घोषणा से 21 फीसद कम है। इससे किसानों को अपनी फसल दूर दराज के खरीदी केंद्रों पर ले जाना पड़ रही है, जिससे किसानों को एक ओर अपनी फसल को दूर के केंद्रों पर ले जाने के लिए सौ सौ रुपए तक प्रति क्विंटल अधिक भाड़ा देने पर मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर भीड़ अधिक होने से तीन तीन दिन तक मंडियों में भटकने के बाद औने पौने दामों पर अपना धान बेचने पर मजबूर होना पड़ा रहा है।
माकपा नेता ने कहा है कि भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र और विधान सभा में किसानों को धान का मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल देने की घोषणा की थी। अब किसानों का धान 2300 से 2500 रुपए के बीच खरीदा जा रहा है। यह वही धान है जो पिछले साल 3600 रुपए तक किसानों ने मंडियों में बेचा है। किसान को एक क्विंटल पर 1100 रुपए तक का घाटा हो रहा है। यदि बासमती या बढिय़ा गुणवत्ता वाले धान की बात करें तो पिछले साल किसान जिसे 4200 से 4500 रुपए में बेच रहा था, इस साल उसकी कीमत 2800 से 3000 रुपए के बीच है। एक ही क्विंटल पर किसान को 1200 से 1500 रुपए तक का नुकसान हो रहा है। इस नुकसान की भरपाई का एक ही रास्ता है कि भाजपा सरकार विधानसभा में किए गए वादे को पूरा करती और 3100 रुपए की न्यूनतम दर से किसानों से धान खरीदती। मगर सरकार ने तो किसानों को व्यापारियों के भरोसे छोड़ दिया है। पिछले साल सरकार ने सिर्फ 16 फीसद धान खरीदा था। इस बार वह और भी कम खरीद कर व्यापारियों की लूट को आसान बना रही है। जिससे साफ है कि वह किसानों की नहीं व्यापारियो की सगी है।
जगदीश पटेल ने कहा है कि अब सरकार किसान को एक हेक्टेयर पर 2 हजार रुपए बोनस दे रही है। जबकि एक हेक्टेयर में होने वाले न्यूनतम 40 क्विंटल धान की खरीदी पर किसानों को कम से कम 45 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भाजपा को अपना किसान विरोधी रवैया छोड़ने, विधान सभा में किए गए वादे को पूरा करने और मंडियों में किसानों की लूट रोकने की मांग की है।
जगदीश पटेल
राज्य समिति सदस्य एवं जिला सचिव मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी नरसिंहपुर