महाकुंभ 2025: माघी पूर्णिमा पर आस्था का सैलाब, एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी
महाकुंभ 2025: माघी पूर्णिमा पर आस्था का सैलाब, एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी
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प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में सोमवार (12 फरवरी) को माघी पूर्णिमा के पावन अवसर पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। भोर होते ही लाखों श्रद्धालु संगम तट पर पहुंचने लगे, और सुबह 8 बजे तक ही एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने पुण्य स्नान कर लिया। पूरा इलाका हर-हर गंगे के जयकारों से गूंज उठा।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। पूरे प्रयागराज शहर को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, और संगम तट पर पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात हैं, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। इस ऐतिहासिक आयोजन की मॉनिटरिंग खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। वे सुबह 4 बजे से लखनऊ स्थित वॉर रूम से स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
पहले नागा साधुओं का स्नान, फिर आम श्रद्धालुओं को मिली अनुमति
सनातन परंपरा के अनुसार, माघी पूर्णिमा स्नान की शुरुआत सबसे पहले नागा साधुओं के अखाड़ों ने की। उनके बाद विभिन्न अखाड़ों के संतों और फिर आम श्रद्धालुओं को संगम में स्नान करने की अनुमति दी गई। इस दौरान प्रशासन ने हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा कर माहौल को और दिव्य बना दिया।
अब तक 46.25 करोड़ श्रद्धालु कर चुके स्नान
महाकुंभ में आस्था और श्रद्धा का ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है, जो ऐतिहासिक है। आयोजन के 31वें दिन तक कुल 46.25 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। इसके पहले चार प्रमुख स्नान पर्व हो चुके हैं, और अब महाकुंभ का अंतिम बड़ा स्नान पर्व 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर होगा।
कड़ी सुरक्षा, प्रशासनिक अमला तैनात
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहली बार 15 जिलों के डीएम, 20 IAS और 85 PCS अफसर महाकुंभ में तैनात किए गए हैं। संगम के मुख्य स्नान घाट पर लोगों को रुकने नहीं दिया जा रहा, बल्कि उन्हें अन्य घाटों पर भेजा जा रहा है।
माघी पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
माघ पूर्णिमा को गंगा स्नान, दान और ध्यान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आज स्नान का शुभ मुहूर्त शाम 7:22 बजे तक रहेगा।
कल्पवासियों की वापसी शुरू
माघी पूर्णिमा के साथ ही महाकुंभ में कल्पवासियों का प्रवास समाप्त हो जाएगा। संगम स्नान के बाद करीब 10 लाख कल्पवासी अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। इसके चलते प्रयागराज रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर भी भीड़ उमड़ पड़ी है।
अगला बड़ा स्नान पर्व – महाशिवरात्रि (26 फरवरी)
अब महाकुंभ का अंतिम प्रमुख स्नान पर्व महाशिवरात्रि (26 फरवरी) को होगा, जिसमें लाखों श्रद्धालु संगम में पुण्य स्नान के लिए उमड़ेंगे। प्रशासन इस दिन भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष तैयारियों में जुट गया है।