8 महीने से जेल में बंद बैतूल का लॉ स्टूडेंट, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
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जबलपुर। बैतूल जिले के 27 वर्षीय लॉ स्टूडेंट अनु उर्फ अनिकेत की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत हुई गिरफ्तारी के मामले ने तूल पकड़ लिया है। अनिकेत को 8 महीने से जेल में बंद रखा गया है, और अब इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 14 जून 2024 को बैतूल के जेएच कॉलेज में प्रोफेसर नीरज धाकड़ और लॉ स्टूडेंट अनिकेत के बीच हुए विवाद से शुरू हुआ था। आरोप है कि प्रोफेसर ने एक छात्रा के साथ अभद्रता की थी, जिसका अनिकेत ने विरोध किया था। इस दौरान दोनों के बीच हाथापाई हुई थी। बाद में, प्रोफेसर की शिकायत पर अनिकेत और उसके साथियों के खिलाफ धारा 307, 353, 338, 148, 149 के तहत मामला दर्ज किया गया।
एनएसए के तहत क्यों हुई गिरफ्तारी?
16 जून 2024 को अनिकेत ने थाने में सरेंडर कर दिया था। लेकिन, 11 जुलाई 2024 को बैतूल कलेक्टर ने उस पर एनएसए लगा दिया और उसे भोपाल जेल भेज दिया गया। अनिकेत के पिता कृपाल सिंह का आरोप है कि प्रशासन ने एक समुदाय विशेष के दबाव में आकर उनके बेटे के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की है।
अनिकेत के वकील का क्या है कहना?
अनिकेत के वकील असीम त्रिवेदी का कहना है कि प्रोफेसर खुद मारपीट करते हुए तस्वीरों में दिख रहे हैं, फिर भी पुलिस ने सिर्फ अनिकेत के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। उन्होंने यह भी कहा कि जब अनिकेत पहले से ही एक महीने तक जेल में था, तब उस पर एनएसए लगाना संवैधानिक प्रक्रिया का उल्लंघन है।
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
जबलपुर हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार, बैतूल कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उनसे 10 जुलाई 2025 तक इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या जवाब देती है और हाईकोर्ट का रुख क्या रहता है।
यह मामला कानून और न्याय से जुड़ा हुआ है, इसलिए यह कानूनी कार्यवाही और जनता के हित के लिए महत्वपूर्ण है।