38 दिन में आरोपी को सजा: तीन वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास

नरसिंहपुर: मध्यप्रदेश पुलिस ने लैंगिक अपराधों के मामलों में त्वरित न्याय की दिशा में एक मिसाल कायम की है। जिले के थाना पलोहा बड़ा क्षेत्र में तीन वर्षीय मासूम बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को महज 38 दिनों में दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की गई है।
क्या है मामला?
घटना 20 फरवरी 2025 की है, जब पप्पू उर्फ खूबचंद कौरव (34 वर्ष, निवासी ग्राम लिलवानी) ने पड़ोस में रहने वाली तीन वर्षीय अबोध बच्ची को अपने घर ले जाकर उसके साथ घिनौनी हरकत की। बच्ची के परिजनों ने तत्काल थाना पलोहा बड़ा में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया।
तेजी से पूरी की गई जांच
पुलिस ने 11 दिनों के भीतर विवेचना पूरी कर 03 मार्च 2025 को चालान तैयार कर विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) गाडरवारा में प्रस्तुत कर दिया। पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर के निर्देश पर इस मामले की लगातार निगरानी की गई और सभी गवाहों को नियत तारीख पर न्यायालय में पेश किया गया।
डीएनए रिपोर्ट ने किया अहम खुलासा
मामले में पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों और डीएनए रिपोर्ट ने आरोपी की संलिप्तता को स्पष्ट किया। अभियोजन पक्ष की ठोस दलीलों के आधार पर विशेष न्यायाधीश डॉ. अंजली पारे ने 26 दिनों में सुनवाई पूरी कर आरोपी को दोषी करार दिया।
कठोर सजा सुनाई गई
विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट, गाडरवारा) ने आरोपी को निम्नलिखित सजा सुनाई:
✔ धारा 87 बीएनएस – 5 साल सश्रम कारावास और ₹2000/- का अर्थदंड
✔ धारा 5(एम)/6 पॉक्सो एक्ट – आजीवन कारावास (शेष जीवनकाल तक) और ₹10,000/- का अर्थदंड
प्रशासन और पुलिस की सक्रियता से त्वरित न्याय
इस मामले में उपनिरीक्षक मनीषा लिल्हारे (थाना गाडरवारा) ने प्रभावी विवेचना की, जबकि सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती संगीता दुबे ने अदालत में प्रभावी पैरवी की ।
मध्यप्रदेश पुलिस की चेतावनी
पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर ने कहा कि प्रदेश में लैंगिक अपराधों को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई और कठोर सजा दिलाने के लिए पुलिस पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
इस ऐतिहासिक फैसले ने न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया है, बल्कि समाज में ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ा संदेश भी दिया है।