तीन हजार किलो देशी घी से बन रहा हैं 551 क्विंटल चूरमे की महाप्रसादी की तैयारी, जेसीबी और 13 ट्रैक्टरो से हो रहा काम
तीन हजार किलो देशी घी से बन रहा हैं 551 क्विंटल चूरमे की महाप्रसादी की तैयारी, जेसीबी और 13 ट्रैक्टरो से हो रहा काम
कोटपुतली (राजस्थान)। भक्ति और सेवा के अद्भुत संगम का उदाहरण बना कुहाड़ा गांव, जहां भगवान भैरवनाथ के लक्खी मेले के लिए विशाल महाप्रसादी की तैयारी चल रही है। इस बार 551 क्विंटल चूरमे का भोग तैयार किया जा रहा है, जिसमें 3 हजार किलो शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जा रहा है। महाप्रसादी के लिए जेसीबी, थ्रेसर और ट्रैक्टर ट्रॉली का उपयोग हो रहा है।
500 लोग जुटे महाप्रसादी बनाने में
इस धार्मिक आयोजन में गांव के हर घर से एक सदस्य सेवा दे रहा है। करीब 500 लोग लगातार चूरमा और बाटियां बनाने के काम में लगे हुए हैं।
200 मीटर लंबे जगरे पर हो रही बाटियां तैयार
महाप्रसादी के लिए 23 जनवरी से बाटियां सेकने का काम चल रहा है। 200 मीटर लंबा जगरा तैयार किया गया है, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में बाटियां बनाई जा रही हैं।
50 बीघा में विशाल पंडाल
30 जनवरी को छापाला भैरव नाथ मंदिर में लक्खी मेले का आयोजन होगा। इसके लिए 50 बीघा क्षेत्र में विशाल पंडाल बनाया गया है, जहां हजारों श्रद्धालु एकत्रित होंगे।
भक्ति और एकता की मिसाल
गांव के लोगों ने इस आयोजन को भक्ति और एकता का प्रतीक बना दिया है। ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास से यह आयोजन ऐतिहासिक रूप ले चुका है।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण
भैरव बाबा की इस महाप्रसादी को लेकर क्षेत्र में खासा उत्साह है। श्रद्धालु बड़ी संख्या में मेले में पहुंचकर प्रसादी ग्रहण करेंगे और भक्ति का आनंद लेंगे।