पर्यावरण संरक्षण और जीवदया की भावना को बढ़ावा देने के लिए शुचिता जागृति महिला समिति का प्रेरणादायी कार्यक्रम

संवाददाता राकेश पटेल इक्का
सोहागपुर: शुचिता जागृति महिला समिति द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में एक प्रेरणादायी कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और जीवदया की भावना को बढ़ावा देना था। इस कार्यक्रम में बच्चों को प्राकृतिक संवेदनशीलता से जोड़ने का प्रयास किया गया और उन्हें पक्षियों के प्रति करुणा, दया और जिम्मेदारी का भाव सिखाया गया।
मिट्टी के सकोरे वितरित कर पक्षियों की प्यास बुझाने का संकल्प
कार्यक्रम के दौरान समिति की ओर से छोटे-छोटे बच्चों को मिट्टी के सकोरे वितरित किए गए और उन्हें यह बताया गया कि भीषण गर्मी में पक्षियों के लिए पानी की कितनी आवश्यकता होती है। बच्चों ने उत्साहपूर्वक यह संकल्प लिया कि वे प्रतिदिन अपने घर या छत पर इन सकोरों में ताजा पानी भरकर पक्षियों की प्यास बुझाने का कार्य करेंगे।
पर्यावरण और जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशील समाज निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
बच्चों की यह जागरूकता पर्यावरण और जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशील समाज निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। शुचिता जागृति महिला समिति का यह प्रयास न केवल बच्चों में पर्यावरणीय चेतना जागृत करने वाला है, बल्कि गर्मी के मौसम में जल संकट से जूझ रहे पक्षियों के लिए जीवनदायिनी साबित होगा।
सकारात्मक प्रभाव
इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों में पर्यावरण संरक्षण और जीवदया की भावना को बढ़ावा मिला है। यह पहल बच्चों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाने और उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराने में सफल रही है। इस तरह के कार्यक्रमों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद मिल सकती है।
आगे की संभावनाएं
शुचिता जागृति महिला समिति के इस प्रयास से प्रेरित होकर अन्य संगठन और व्यक्ति भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं। इससे पर्यावरण संरक्षण और जीवदया की भावना को और अधिक बढ़ावा मिलेगा और समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।