मंत्री राव उदय प्रताप सिंह का बड़ा ऐलान: मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में नर्सरी से एडमिशन, हेडमास्टर को मिली नई जिम्मेदारी
मध्यप्रदेश में नई शिक्षा नीति, सरकारी स्कूलों में नर्सरी से एडमिशन और ‘हैंडओवर-टेकओवर’ सिस्टम लागू , 1 अप्रैल से शुरू होगा "प्रवेश उत्सव" अभियान

भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने और ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत कई अहम बदलाव किए गए हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने घोषणा की है कि अब सरकारी स्कूलों में नर्सरी कक्षाएं भी शुरू की जाएंगी, जिससे छोटे बच्चों को स्कूलों में जल्दी शामिल किया जा सके।
इसके साथ ही, 1 अप्रैल से “प्रवेश उत्सव” अभियान शुरू किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और जनप्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक बच्चों का सरकारी स्कूलों में नामांकन सुनिश्चित करना है।
नर्सरी से होगी सरकारी स्कूलों की शुरुआत
पहले सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से पढ़ाई शुरू होती थी, लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत अब 5,000 सरकारी स्कूलों में नर्सरी कक्षाएं शुरू की गई हैं। शिक्षा मंत्री के अनुसार, “हम चाहते हैं कि बच्चे प्रारंभिक स्तर से ही सरकारी स्कूलों से जुड़ें, जिससे निजी स्कूलों की ओर उनका झुकाव कम हो। आने वाले समय में नर्सरी कक्षाएं और बढ़ाई जाएंगी।”
अब 30 सितंबर तक 6 साल के होने वाले बच्चों को मिलेगा प्रवेश
पहले, सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए कटऑफ डेट 30 अप्रैल थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया है। इसका फायदा यह होगा कि अब अधिक बच्चों को स्कूलों में दाखिला मिल सकेगा, जिससे नामांकन दर में सुधार होगा।
हेडमास्टर को दी गई बच्चों के एडमिशन की जिम्मेदारी
सरकारी स्कूलों में 5वीं कक्षा पूरी करने के बाद कई बच्चे 6वीं में दाखिला नहीं लेते हैं। इसे रोकने के लिए सरकार ने “हैंडओवर-टेकओवर” प्रणाली लागू की है।
अब प्राइमरी स्कूल का हेडमास्टर यह सुनिश्चित करेगा कि 5वीं पास करने वाले बच्चों का 6वीं कक्षा में दाखिला मिडिल स्कूल में हो। अगर अभिभावक इसमें लापरवाही बरतते हैं, तो स्कूल प्रशासन खुद इसकी जिम्मेदारी लेगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा, “अब किसी भी बच्चे का शिक्षा से वंचित रहना संभव नहीं होगा। हेडमास्टर को निर्देश दिए गए हैं कि वे छात्र की पूरी निगरानी रखें और यह सुनिश्चित करें कि हर छात्र 6वीं कक्षा में दाखिला ले।”
“प्रवेश उत्सव” से बढ़ेगा सरकारी स्कूलों में नामांकन
1 अप्रैल से शुरू होने वाले “प्रवेश उत्सव” अभियान के तहत, जनप्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी अभिभावकों से मिलकर सरकारी स्कूलों में एडमिशन के लाभ समझाएंगे। यह अभियान सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और उपलब्ध संसाधनों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा।
निष्कर्ष
मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों में सुधार की दिशा में नई शिक्षा नीति के तहत कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं। नर्सरी कक्षाओं की शुरुआत, प्रवेश प्रक्रिया का सरलीकरण और “हैंडओवर-टेकओवर” प्रणाली जैसे कदम सरकारी स्कूलों को मजबूत बनाएंगे। अगर ये योजनाएँ प्रभावी ढंग से लागू की जाती हैं, तो आने वाले वर्षों में शिक्षा का स्तर और सरकारी स्कूलों की विश्वसनीयता बढ़ेगी।