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मंदिर से निकले बांके बिहारीःघर घर पहुंचे, रांगोली सजायें इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं ने की पूजन
श्री देवराधा कृष्ण मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा

मंदिर से निकले बांके बिहारीःघर घर पहुंचे, रांगोली सजायें इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं ने की पूजन
अवधेश चौकसे
सालीचौका नरसिंहपुरः गत शनिवार को डोलग्यारस के अवसर पर बांकेबिहारी लड्डू गोपाल नगर के हदयस्थल श्री देवराधा कृष्ण मंदिर से विमान में सवार होकर निकले और परंपरानुसार श्रीराम जानकी मंदिर पहुंचे यहां विधीवत पूजन पश्चात नगर भ्रमण कर घर घर दर्शनार्थ पहुंचे,श्रद्धालुओं ने अपने अपने घरों के सामने रांगोली डाल स्वागत करते हुए पूजन की गई।वहीं महिलाओं ने दिनभर भजन कीर्तन किया।

उल्लेखनीय हैं कि कृष्ण जन्माष्टमी के बाद आने वाली एकादशी को डोल ग्यारस कहते हैं। श्रीकृष्ण जन्म के अठारहवें दिन माता यशोदा ने उनका जल पूजन (घाट पूजन) किया था। इसी दिन को ‘डोल ग्यारस’ के रूप में मनाया जाता है। जलवा पूजन के बाद ही संस्कारों की शुरुआत होती है। कहीं इसे सूरज पूजा कहते हैं तो कहीं दश्टोन पूजा कहा जाता है। जलवा पूजन को कुआं पूजा भी कहा जाता है। इस ग्यारस को परिवर्तिनी एकादशी, जलझूलनी एकादशी, वामन एकादशी आदि के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन भगवान करवट लेते हैं, इसलिए इसको स्थान परिवर्तिनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन व्रत करने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है।
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु करवट बदलने के समय प्रसन्न मुद्रा में रहते हैं, इस अवधि में भक्तिभाव और विनयपूर्वक उनसे जो कुछ भी मांगा जाता है वे अवश्य प्रदान करते हैं, डोल ग्यारस के पावन अवसर पर प्रभु श्रीकृष्ण बांके बिहारी सरकार जी की सवारी विमान का आगमन हुआ प्रभू की पूजा अर्चन कर सभी ने आशीर्वाद प्राप्त किया।
डोलग्यारस के मौके पर नगर के श्री देवराधा कृष्ण मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा दिनभर महिलाओं के भजन कीर्तन हुये वहीं संध्या वेला में आरती उपरांत नगर में विमान मे सवार होकर गाजेबाजे के साथ घरघर दर्शनार्थ निकले।
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