जीवन में अहंकार से बचें, यही पतन का मूल कारण — महाराज रजत तिवारी

संवाददाता सम्राट अंकित कुशवाहा
मंडीदीप| 4 अप्रैल 2025 — प्राचीन रामकुंड स्थित श्री बालाजी हनुमान मंदिर परिसर में चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक श्री रजत तिवारी महाराज ने श्रद्धालुओं को जीवन में विनम्रता और ईश्वर भक्ति का संदेश देते हुए कहा कि “अहंकार ही मनुष्य के पतन का कारण है।”
उन्होंने कहा कि इस सृष्टि का सृजन ब्रह्मा जी ने किया और बारह अवतार धारण कर पृथ्वी को जल पर स्थापित किया गया। मनु और शतरूपा के माध्यम से सृष्टि का संचालन हुआ। कथा में आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रजापति दक्ष ने भगवान शिव का अपमान अपने अहंकारवश किया, जिसका परिणाम यज्ञ विध्वंस के रूप में सामने आया।
“जो कुछ भी हमें जीवन में प्राप्त होता है, वह ईश्वर की कृपा का ही परिणाम है। ऐसे में हमें अहंकार नहीं, ईश्वर भजन करना चाहिए,” महाराज श्री ने उपस्थित भक्तों से कहा।
कथा का आयोजन समाजसेवी श्री शिवपाल सिंह चौहान द्वारा कराया जा रहा है, जो 2 अप्रैल से 9 अप्रैल तक प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अमृत का रसपान करा रहे हैं।
कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति देखने को मिल रही है, और भक्तगण श्रद्धा एवं भक्ति भाव से कथा श्रवण कर रहे हैं।