मुख्यमंत्री के आगमन पर किसानों की आवाज़ दबाने की कोशिश!
विपक्षी नेताओं को किया गया नजरबंद, किसानों की माँगें बनी वजह

गाडरवारा, 9 जून 2025।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के गाडरवारा आगमन के दौरान क्षेत्र में विरोध की कोई आवाज़ ना उठ सके, इसके लिए प्रशासन ने सुबह से ही विपक्षी नेताओं को नजरबंद करने की कार्रवाई की। कांग्रेस प्रदेश सचिव अभिनय ढिमोले, राजुल शेखर जायसवाल, जगमोहन पटेल, और उनके साथियों को पुलिस ने घर में ही बैठाकर रखा ताकि वे मुख्यमंत्री से मुलाकात न कर सकें।
क्या है किसानों की मांग?
कांग्रेस प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के नाम पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन तैयार किया था जिसमें मुख्यतः किसानों और युवाओं से जुड़ी समस्याओं को रखा गया। ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें शामिल थीं:
- ग्रीष्मकालीन मूंग को समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदे जाने की जल्द घोषणा की जाए।
- लगातार गिरते भूजल स्तर को देखते हुए गाडरवारा क्षेत्र में शक्कर नदी पर स्टॉप डेम बनवाया जाए।
- रेल विभाग द्वारा गाडरवारा में फ्लाई एश परिवहन की समस्या का समाधान किया जाए।
- स्थानीय बेरोजगार युवाओं को कृषि आधारित उद्योगों से जोड़कर रोजगार दिया जाए।
- एलएलबी और नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की जाए।
“हमें सिर्फ मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखनी थी”
अभिनय ढिमोले ने कहा कि किसानों की ओर से हम मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन सौंपना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने का प्रयास किया। अंततः जब विरोध बढ़ा, तो हमें मुख्यमंत्री से मिलवाने की अनुमति दी गई।
प्रशासन की हठधर्मिता पर सवाल
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन की यह कार्रवाई लोकतंत्र की आवाज़ को दबाने का प्रयास है। एक तरफ किसान अपनी मूंग की उपज को उचित दाम पर बेचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, दूसरी ओर शासन-प्रशासन उनकी मांगें सुनने को तैयार नहीं है।
“किसान एकता ज़िंदाबाद”
कार्यकर्ताओं ने प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करते हुए नारा लगाया – किसान एकता ज़िंदाबाद, और कहा कि वे किसानों के अधिकार के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।