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दिल्लीवालों को नया सीएम मिल गया. अरविंद केजरीवाल ने आतिशी मार्लेना को अपना उत्तराधिकारी चुना

अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को ही क्यों बनाया दिल्ली का मुख्यमंत्री? 5 कारण ने CM कुर्सी की राह बनाई आसान

दिल्लीवालों को नया सीएम मिल गया. अरविंद केजरीवाल ने आतिशी मार्लेना को अपना उत्तराधिकारी चुना

 अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को ही क्यों बनाया दिल्ली का मुख्यमंत्री? 5 कारण ने CM कुर्सी की राह बनाई आसान

नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल के बाद अब दिल्ली का नया सीएम कौन? इस सस्पेंस से पर्दा हट गया. आतिशी ही दिल्ली की नई सीएम होंगी. अरविंद केजरीवाल ने अपना उत्तराधिकारी चुन लिया है. आम आदमी पार्टी विधायक दलों की मंगलवार को बैठक में अरविंद केजरीवाल ने ही आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव पर सबने सर्वसम्मति से हामी भर दी. इस तरह आतिशी अब सीएम की रेस जीत चुकी हैं. सीएम पद की रेस में सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत और राखी बिड़ला समेत कई नाम थे, जो अब पिछड़ गए. अब सवाल उठता है कि आखिर अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को ही दिल्ली का नया सीएम क्यों बनाया है? तो इसके कई कारण हैं.
आतिशी को अरविंद केजरीवाल का भरोसेमंद और काफी करीबी माना जाता है. आतिशी आम आदमी पार्टी की कोई नई नेता नहीं हैं, बल्कि वह अन्ना आंदोलन के समय से ही अरविंद केजरीवाल और संगठन के साथ जुड़ी हैं. महज पांच साल के भीतर उन्होंने अपनी काबलियत से विधायक से मंत्री तक का सफर तय किया है. आतिशी 2020 में पहली बार कालकाजी से विधायक बनी थीं. उन्हें साल 2023 में अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री बद मिला और अब साल 2024 में वह दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गई हैं. इस तरह से देखा जाए तो उनका सियासी सफर काफी चमत्कारी रहा है।

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आप की दबंग लेडी आतिशी

दिल्ली शराब घोटाला केस में जब अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जेल में थे, तब आतिशी ने ही मोर्चा संभाले रखा. इस दौरान आतिशी सरकार के कामकाज से लेकर संगठन तक की जिम्मेवारी बखूबी निभाती रहीं. जब-जब आम आदमी पार्टी पर मुसीबत आई, उन्होंने सामने आकर विरोधियों का मुकाबला किया. बीते कुछ समय से केजरीवाल और सिसोदिया की गैरमौजूदगी में वह आम आदमी पार्टी का प्रमुख चेहरा बन चुकी थीं. अक्सर किसी भी मसले पर वह मीडिया के सामने आतीं और आम आदमी पार्टी का स्टैंड रखतीं. उन दोनों बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी में आतिशी ने संगठन और नेताओं के मनोबल को गिरने नहीं दिया।

अब जानते हैं कि आखिर वे कौन-कौन से कारण रहे, जिसकी वजह से आतिशी ने सीएम कुर्सी की रेस जीत ली.
-आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्रियों में इकलौती महिला मंत्री. पार्टी में महिलाओं की प्रमुख आवाज.-मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद शिक्षा मंत्रालय की बागडोर को संभाला और उसे अच्छे से निभाया.-संगठन और नेताओं में आतिशी की अच्छी खासी पकड़ है.-आतिशी का आक्रामक अंदाज रहा है.-संगठन और प्रशासन का अच्छा अनुभव

आतिशी का सियासी सफर

आतिशी लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमा चुकी हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में आतिशी को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर पूर्वी दिल्ली का प्रभारी नियुक्त किया गया था. वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गौतम गंभीर से 4.77 लाख वोटों के अंतर से हार गई थीं. 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान आतिशी ने दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी विधानसभङा क्षेत्र से चुनाव लड़ा. उन्होंने भाजपा उम्मीदवार धर्मवीर सिंह को 11,422 वोटों से हराया. बाद में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद उन्हें सौरभ भारद्वाज के साथ कैबिनेट मंत्री के रूप में दिल्ली सरकार में शामिल किया गया.

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