शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीमद देवी भागवत कथा का समापन, माँ जगतजननी की आराधना से मिलता है पुण्यलाभ – शिवम शुक्ल जी महाराज
शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीमद देवी भागवत कथा का समापन, माँ जगतजननी की आराधना से मिलता है पुण्यलाभ - शिवम शुक्ल जी महाराज
गाडरवारा। बीते रविवार को स्थानीय छिडाव घाट शक़्कर नदी प्रांगण में 27 जनवरी से प्रारंभ हुए शतचंडी महायज्ञ, देवी प्राण प्रतिष्ठा एवं श्रीमद देवी भागवत कथा का समापन विशाल भंडारे के साथ किया गया।
विदित हो कि इस भव्य आयोजन का विधिवत शुभारंभ 26 जनवरी को भव्य एवं विशाल कलश यात्रा से हुआ था। इसके उपरांत अगले दिन 27 जनवरी से शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीमद देवी भागवत कथा प्रारंभ हुई जो रविवार को समाप्त हुई। कथा मे सभी दिन प्रयागराज से आये कथावाचक शिवम शुक्ल जी महाराज ने मां जगतजननी माँ दुर्गा की महिमा का वर्णन किया एवं संगीतमय श्रीमद देवी भागवत कथा सुनाई।
उन्होंने प्रतिदिन कथा मे कहा कि माँ दुर्गा की आराधना जो भी सच्चे मन एवं पवित्र भाव से करता है उसे पुण्य लाभ मिलता हे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को सदैव पूर्ण मनोयोग से मातारानी का पूजन करना चाहिए। उन्होंने जीवन मे सत्संग के बारे मे बताते हुए कहा कि अच्छी संगत से अच्छा ज्ञान मिलता हे एवं बुरी संगत से अवगुण आते है। उन्होंने कहा कि जगतजननी माँ दुर्गा जगत का उद्धार करती है एवं अपने भक्तो के कष्टों को दूर करते हुए उनके जीवन मे समृद्धि लाती हे।
कथा मे अंतिम दिन संगीतमय भजन एवं पुष्प वर्षा पर श्रद्धांलुओं ने नृत्य किया। कथा मे प्रतिदिन आरती के साथ समापन हुआ। प्रतिदिन रात को रासलीला का भी आयोजन कथास्थल पर हुआ। प्रतिदिन बड़ी संख्या मे धर्मप्रेमी श्रद्धालुओ ने कथा, रासलीला, यज्ञ मे उपस्थित एवं यज्ञशाला की परिक्रमा कर पुण्यलाभ लिया।