पत्रकार के साथ बदसलूकी पर हंगामा: खनिज अधिकारी के खिलाफ सड़क पर उतरे पत्रकार, आत्मदाह की कोशिश
सागर में पत्रकारों का हंगामा खनिज अधिकारी के खिलाफ चक्काजाम, आत्मदाह की कोशिश

सागर, मध्य प्रदेश: अवैध उत्खनन को लेकर सवाल पूछना एक पत्रकार को भारी पड़ गया। जिला खनिज अधिकारी ने न सिर्फ पत्रकार का मोबाइल छीना बल्कि उसे गाली-गलौज कर धक्का देकर बाहर निकाल दिया। इस घटना के विरोध में गुरुवार को जिलेभर के पत्रकारों ने चक्काजाम कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि एक पत्रकार ने आत्मदाह की कोशिश की, लेकिन मौके पर मौजूद लोगों ने उसे बचा लिया।
क्या है पूरा मामला?
बुधवार को पत्रकार मुकुल शुक्ला जिला खनिज अधिकारी अनित पंड्या के कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने अवैध उत्खनन से जुड़े सवाल पूछे, जिससे अधिकारी भड़क गए। आरोप है कि अधिकारी ने न केवल गाली-गलौज की, बल्कि मुकुल शुक्ला का मोबाइल भी छीन लिया और उन्हें धक्का देकर कार्यालय से बाहर निकाल दिया। इस पूरी घटना के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
इसके बाद खनिज अधिकारी अनित पंड्या ने गोपालगंज थाने पहुंचकर मुकुल शुक्ला के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी। जब मुकुल अपनी शिकायत दर्ज कराने पहुंचे तो पुलिस ने जांच का आश्वासन देकर उन्हें टाल दिया। इससे नाराज पत्रकारों ने विरोध में चक्काजाम करने का फैसला किया।
चक्काजाम और आत्मदाह की कोशिश
गुरुवार को लाल स्कूल तिराहे पर जिलेभर के पत्रकारों ने करीब 5 घंटे तक चक्काजाम किया। पुलिस और प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, जिससे गुस्सा और बढ़ गया। इस दौरान पत्रकार मुकुल शुक्ला ने सुनवाई न होने से आहत होकर खुद पर केरोसिन डालकर आत्मदाह की कोशिश की। हालांकि, मौके पर मौजूद अन्य पत्रकारों ने उन्हें रोक लिया और पुलिस ने समझाइश देकर मामला शांत कराया।
पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी जाम में फंसे
चक्काजाम के दौरान पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी ट्रैफिक में फंस गए। जब उन्हें इस प्रदर्शन की वजह पता चली, तो वे मौके पर पहुंचे और पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने तुरंत कलेक्टर और एसपी से फोन पर बात कर मामले में कार्रवाई की मांग की। हालांकि, देर रात तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और दोनों पक्षों से पूछताछ जारी है। पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस विवाद को कैसे सुलझाता है।