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महाकुंभ 2025: “मैं विष्णु से भी बड़ा” बयान देकर IITian बाबा ने साधु-संतों के बीच मचाई खलबली, जानें उनकी पूरी कहानी

महाकुंभ 2025: "मैं विष्णु से भी बड़ा" बयान देकर IITian बाबा ने साधु-संतों के बीच मचाई खलबली, जानें उनकी पूरी कहानी

प्रयागराज। भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक महाकुंभ 2025 में एक अनोखे साधु, IITian बाबा अभय सिंह ग्रेवाल ने अपने विवादित बयानों से हलचल मचा दी है। जहां एक ओर साधु-संतों का जमावड़ा गंगा किनारे भक्ति और साधना में डूबा है, वहीं IITian बाबा के विचार और उनके जीवन की कहानी लोगों को चौंका रही है।

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बाबा का विवादित बयान

IITian बाबा ने खुद को ईश्वर से भी बड़ा बताते हुए कहा,
“मैं विष्णु से भी बड़ा हूं। मैं शून्य में समाहित हूं, और मेरी चेतना जाग्रत है। मैं संसार का राजा बनूंगा।”
उनके इस बयान के बाद महाकुंभ में आए साधु-संतों के बीच असंतोष और असमंजस की स्थिति बन गई है। कई संत उनकी बातों को आत्ममुग्धता बता रहे हैं, तो कुछ उन्हें खारिज कर रहे हैं।

क्रिकेट की स्क्रिप्ट का दावा

अपने विवादित बयानों के क्रम में बाबा ने यह भी दावा किया कि वह केवल आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि दुनियावी घटनाओं को भी नियंत्रित करते हैं। उन्होंने कहा,
“मैंने वर्ल्ड कप 2024 की स्क्रिप्ट लिखी थी। हार्दिक पांड्या को गेंदबाजी करने का निर्णय मैंने ही करवाया था।”
उनके अनुसार, उन्हें ऐसी दिव्य शक्तियां प्राप्त हैं जो उन्हें हर घटना को नियंत्रित करने की क्षमता देती हैं।

कौन हैं IITian बाबा?

IITian बाबा का असली नाम अभय सिंह ग्रेवाल है। उनका जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के सासरौली गांव में हुआ। वे एक जाट परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता कर्ण सिंह एक प्रतिष्ठित वकील हैं और झज्जर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं।

शैक्षणिक पृष्ठभूमि और करियर

  • अभय ने शुरुआती पढ़ाई झज्जर से की और बाद में दिल्ली से IIT की कोचिंग ली।
  • उन्होंने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक किया और फिर डिजाइनिंग में मास्टर डिग्री हासिल की।
  • पढ़ाई पूरी करने के बाद अभय ने कनाडा में एक एयरक्राफ्ट निर्माण कंपनी में 3 लाख रुपये मासिक वेतन वाली नौकरी की।

आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत

कोरोना महामारी के दौरान कनाडा में लॉकडाउन लगने के बाद अभय का रुझान आध्यात्म की ओर बढ़ा। उन्होंने गहरी साधना शुरू की और भारत लौटकर ध्यान और फोटोग्राफी में रुचि दिखाई। धीरे-धीरे उनका झुकाव साधु बनने की ओर हो गया।

परिवार और विवाद

अभय सिंह के परिवार को उनके इस बदलाव से गहरा आघात लगा। उनके पिता कर्ण सिंह ने कहा,
“अभय बचपन से ही अलग स्वभाव का था, लेकिन हमें यह उम्मीद नहीं थी कि वह साधु बन जाएगा।”
अभय की मां अपने इकलौते बेटे के संन्यास से दुखी हैं। घरवालों ने कई बार उनकी मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए, और उन्हें वापस लाने की कोशिश की, लेकिन अभय ने अपने परिवार से संपर्क तोड़ लिया।

महाकुंभ में बाबा का अनुष्ठान

महाकुंभ में बाबा गंगा किनारे एक बड़ा तांत्रिक अनुष्ठान कर रहे हैं। उनके अनुयायियों का मानना है कि बाबा को दिव्य सिद्धियां प्राप्त हैं, और वे विश्व को एक नया आध्यात्मिक मार्ग दिखाने आए हैं।

साधु-संतों की प्रतिक्रिया

बाबा के बयानों से महाकुंभ में साधु-संतों के बीच मतभेद गहरा गए हैं। कुछ संत उनके दावों को आत्ममुग्धता और झूठा प्रचार मानते हैं। वहीं, कुछ युवा साधु उन्हें आध्यात्मिक क्रांति का प्रतीक मानते हैं।

भविष्य की योजना

IITian बाबा का कहना है कि वह आध्यात्म और विज्ञान का संगम करके दुनिया को एक नई दिशा देंगे।
“मैं इस पृथ्वी का राजा बनूंगा। मेरी चेतना जाग्रत है, और मैं मानवता के कल्याण के लिए काम करूंगा।”

उनके इन दावों ने न केवल महाकुंभ में, बल्कि देशभर में एक नई बहस छेड़ दी है। लोग उनकी बातों को अजीबोगरीब मानते हुए भी उनकी कहानी को ध्यान से सुन रहे हैं।

 

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