“किस हक से लौटी?” – तलाक के 13 साल बाद लौट आई पूर्व पत्नी, हाईकोर्ट ने उठाया बड़ा सवाल

जबलपुर, मध्यप्रदेश।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने विवाह, तलाक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को लेकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। मामला जबलपुर जिले का है, जहां एक महिला 13 साल पहले तलाक लेने के बाद अचानक अपने पूर्व पति के घर लौट आई और जबरन वहां रहने लगी। परेशान पति ने जब स्थानीय पुलिस से मदद नहीं मिली, तो अंततः मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया।
हाईकोर्ट ने पूर्व पत्नी को भेजा नोटिस
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने पूर्व पत्नी को नोटिस जारी करते हुए सीधा सवाल किया—
“जब तलाक हो चुका है, तो किस अधिकार से आप पूर्व पति के घर में रह रही हैं?”
कोर्ट ने इस पर महिला से लिखित जवाब माँगा है और यह स्पष्ट किया है कि तलाक की स्थिति में, किसी भी पक्ष का एक-दूसरे की संपत्ति पर स्वाभाविक अधिकार नहीं रह जाता।
पति ने बताई पूरी आपबीती
याचिकाकर्ता (पति) की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट में बताया कि वर्ष 2011 में दोनों का विधिवत तलाक हो चुका था। तलाक के बाद महिला अपने मायके में रह रही थी। हाल ही में वह कोई पूर्व सूचना या अनुमति के बिना पति के घर में रहने आ गई।
पति ने पहले समझाइश और समाज के माध्यम से समस्या सुलझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
दूसरी शादी में बाधा बनी महिला
पति के वकील ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता अब दूसरा विवाह करना चाहता है, लेकिन पूर्व पत्नी की अनधिकृत मौजूदगी उसकी वैवाहिक योजनाओं में रुकावट बन रही है। साथ ही, उन्हें इस बात का भय है कि महिला कोई झूठा आरोप न लगा दे जिससे वह कानूनी उलझनों में फंस जाए।
हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों से भी मांगा जवाब
कोर्ट ने न सिर्फ महिला से जवाब माँगा है, बल्कि थाने के संबंधित पुलिस अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया है। कोर्ट यह जानना चाहता है कि जब तलाक की डिक्री मौजूद थी, तो ऐसे में पुलिस ने महिला को हटाने के लिए कोई वैधानिक कार्रवाई क्यों नहीं की?
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
यह कोई पहला मामला नहीं है। जबलपुर हाईकोर्ट में पूर्व में भी ऐसा एक मामला आया था, जिसमें तलाक के बाद महिला ने पूर्व पति के घर में रहने की कोशिश की थी और बाद में बलात्कार जैसे गंभीर आरोप भी लगाए थे।