शाहपुर में अवैध रेत खनन को लेकर विरोध तेज, ग्रामीणों ने प्रशासन से की कार्रवाई की माँग

शाहपुर (जिला-बैतूल)।
शाहपुर ब्लॉक क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश तेजी से बढ़ रहा है। क्षेत्र के नागरिकों ने आरोप लगाया है कि अनुमत खदान क्षेत्र से बाहर भी अवैध रूप से बड़े पैमाने पर रेत खनन किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने शिकायत में बताया कि 10 से 15 पोकलेन मशीनों और हजार फीट तक के डंपरों के जरिए नदियों और जंगल क्षेत्रों से अवैध रेत का खनन किया जा रहा है। इतना ही नहीं, ठेकेदारों द्वारा क्षेत्र में बाहरी असामाजिक तत्वों को लाकर बसाया गया है जो दिन-रात गुंडागर्दी, मारपीट और अवैध हथियारों के बल पर आमजन को डराने का काम कर रहे हैं।
दो बार हो चुकी है गोलीबारी की घटना
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि शाहपुर में इन तत्वों द्वारा दो बार गोलीबारी की घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है। एक माह पूर्व मर्दानपुर ग्राम में आदिवासी समुदाय के लोगों पर हमला किया गया था, जिसकी रिपोर्ट भौंरा थाने में दर्ज है। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
3 जून 2025 को भी शाहपुर के कुछ युवकों पर जानलेवा हमला हुआ, जिससे कई युवक घायल हुए हैं। डंपरों के भारी आवागमन से ग्रामीण सड़कों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। बरबतपुर से लेकर शाहपुर बस स्टैंड तक की सड़कें खस्ताहाल हो चुकी हैं।
भंडारण भी क्षमता से अधिक
ग्रामवासियों ने आरोप लगाया कि बारिश के नाम पर रेत का जो भंडारण किया गया है, वह सरकारी अनुमत सीमा से कहीं अधिक है। उन्होंने आम डोह, कछार, डोहरा, मोहर, चित्रती जैसे स्थानों पर हुए भंडारण की नाप-जोख एवं जांच की माँग की है।
भूमि कटाव और पर्यावरण को खतरा
नदी में जगह-जगह बनाए गए अस्थायी रास्तों के कारण भूमि कटाव का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। ग्रामीणों ने माइनिंग विभाग पर खुले संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
ग्रामीणों की माँग
ग्रामीणों ने प्रशासन से माँग की है कि:
- क्षेत्र में चल रहे अवैध रेत खनन की निष्पक्ष जांच कराई जाए
- असामाजिक तत्वों और ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाए
- पर्यावरण और नदियों को बर्बादी से बचाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो जनआंदोलन की स्थिति बन सकती है।