स्वास्थ्य सेवा लड़खडाई वेंटिलेटर पर, अस्पताल में स्थाई डॉक्टर की नियुक्ति भी नहीं, महिला चिकित्सक की नियुक्ति तो है लेकिन सेवाएं नहीं

संवाददाता अवधेश चौकसे
सालीचौका नरसिंहपुर, स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी बेपटरी हो रही हैं यहां पर स्थाई डॉक्टरों की नियुक्ति भी नहीं है।अनुबंध पर डॉक्टर काम कर रहे हैं 2 बजे तक मरीजों का उपचार होता है इसके बाद अस्पताल राम भरोसे संचालित होता है विडंबना यह भी है कि यहां पर महिला चिकित्सक की नियुक्ति तो है लेकिन महिला डाक्टर की रोगियों को सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पाती। ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अनिल पटेल अधिकतर ग्रामों के दौरो पर रहते हैं कारण यही है कि वह स्वास्थ्य केंद्र में कम ही समय दे पाते हैं
डिजिटल एक्सरा मशीन हैं. पर रेडियोग्राफर नहीं
लाखों रुपए लागत की डिजिटल एक्स-रे मशीन धूल खा रही है।रेडियो ग्राफर की नियुक्ति न होने हड्डी रोगियों के मरीजों को इलाज एवं एक्स-रे के लिए उन्हें गाडरवारा, नरसिंहपुर जाना पड़ रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर तो है लेकिन अनुबंध के तहत 2 बजे तक ओपीडी में दो डॉक्टर बैठते हैं इसके बाद अस्पताल मरीज को कॉल करके डॉक्टर को बुलाना पड़ता है।जिला प्रशासन स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्थाओं में ध्यान नहीं दे रहा है।स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टर के पद रिक्त है। सुविधाओं के अभाव में स्वास्थ्य केंद्र खुद ही वेंटिलेटर पर है।यहां सुविधाएं हैं लेकिन संचालित न के बराबर हो रही हैं। ऐसे में मरीजों का बाहर जाकर इलाज कराना पड़ रहा है।यहां पदस्थ ब्लॉक मेडीकल ऑफिसर अनिल पटेल द्वारा बेपटरी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए प्रयास किए जाते हैं। लेकिन स्टाफ की कमी के चलते केंद्र की स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ा गई है।
तीस बिस्तरीय अस्पताल में एक भी स्थाई डॉक्टर नहीं है महिलाचिकित्सक की नियुक्ति तो है लेकिन उनकी सेवाएं महिलाओं को नहीं मिल रही हैं।गर्मी के मौसम में बीमारियों के बढ़ते कदम की चपेट से रोजाना को मरीज पहुंच रहे हैं। ओपीडी में मरीजों का उपचार अनुबंध डॉक्टर द्वारा घंटे दो घंटे ही किया जाता है बाकी समय ऑन कॉल ड्यूटी विभागीय बैठकों में भी सम्मिलित होते हैं। ऐसे में जब डॉक्टर विभागीय कार्यों के कारण हॉस्पिटल नहीं पहुंचते तो उस दिन मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता।
व्यवस्थाएं खुद हो गईं बीमार
कहने को तो नगर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। उसकी व्यवस्थाएं बीमार पड़ी हुई हैं। डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों इलाज कराना मुश्किल हो रहा है। स्वास्थ्य केंद्र में महिला चिकित्सक की उपस्थिति ना होने से महिलाओं को इलाज कराने भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भी नहीं है। जहां मात्र एक ही ड्रेसर है, वहीं वार्ड बॉय एवं प्यून के पद भी नहीं भरे गए हैं।
एम्बुलेंस अनुपयोगी
रोगियों की सुविधाओं के लिए स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस अनुपयोगी साबित हो रही है। जनप्रतिनिधियों द्वारा सुविधाओं के लिए स्वास्थ्य केंद्र को एंबुलेंस दी गई। एंबुलेंस में चालक की व्यवस्था नहीं की गई है न ही वह मरीजों को यहां से वहां लाने ले जाने के उपयोग में लाई जा रही है। अधिकारियों से अपेक्षा है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्थाएं सुधारी जाएं।
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इनका कहना है
अस्पताल में स्टाफ की कमी है।दो डॉक्टर पदस्थ है एक डॉक्टर पीजी करने जबलपुर, एक डॉक्टर महिला जो की साईखेड़ा ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के रूप में सेवाएं दे रही हैं स्थाई नियुक्ति के संबंध में जिला प्रशासन को अवगत कराया गया है
डॉ अनिल पटेल ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर सालीचौका