जनपद पंचायत रामा में 1.92 करोड़ की वित्तीय अनियमितता उजागर: तीन पर एफआईआर, तत्कालीन सीईओ पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी
कलेक्टर नेहा मीना के निर्देश पर जांच के बाद बड़ी कार्रवाई, सरकारी धन निजी खातों में जमा करने का आरोप

संवाददाता रमेश कुमार सोलंकी झाबुआ
झाबुआ: झाबुआ जिले की जनपद पंचायत रामा से एक बड़ा प्रशासनिक मामला सामने आया है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 के ऑडिट में करीब 1.92 करोड़ रुपये की भारी वित्तीय अनियमितता उजागर हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर नेहा मीना के निर्देशानुसार तत्काल एक तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया था, जिसने विस्तृत रिपोर्ट सौंपते हुए गंभीर आरोपों की पुष्टि की है।
सरकारी राशि निजी खातों में स्थानांतरित करने का आरोप
ऑडिट रिपोर्ट में यह सामने आया है कि शासकीय योजनाओं की राशि को अधिकारियों द्वारा स्वयं के निजी बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया था। इसके अलावा योजनाओं की स्वीकृति एवं क्रियान्वयन में वित्तीय पारदर्शिता नहीं बरती गई, जिससे शासन को लाखों की हानि हुई।
तीन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
कलेक्टर के निर्देश पर जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधितों के विरुद्ध कालीदेवी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। इन पर सरकारी राशि के दुरुपयोग और गबन जैसे गंभीर आरोप हैं।
एफआईआर दर्ज किए गए अधिकारी:
- पवन मिश्रा – तत्कालीन कंप्यूटर ऑपरेटर, जनपद पंचायत रामा (पद से पृथक)
- मोतीलाल अड़ – तत्कालीन सहायक लेखाधिकारी
- विक्रम पारगी – सहायक ग्रेड-3
इन तीनों पर शासन की धनराशि में हेरफेर, अनधिकृत रूप से धन प्राप्ति एवं दुरुपयोग के आरोप हैं।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक प्रस्ताव
इस प्रकरण में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी वीरेन्द्र सिंह रावत की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव संभागायुक्त, इंदौर को भेजा गया है। रावत पर आरोप है कि उनके कार्यकाल में ही इन अनियमितताओं को नजरअंदाज किया गया या मौन स्वीकृति दी गई।
विक्रम पारगी को तत्काल प्रभाव से किया गया निलंबित
दिनांक 16 अप्रैल 2025 को कलेक्टर नेहा मीना द्वारा सहायक ग्रेड-3 विक्रम पारगी को मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के उपनियम (09) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जनपद पंचायत झाबुआ नियत किया गया है, तथा उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा।
प्रशासन की सख्त कार्यवाही से हड़कंप
इस प्रकरण में प्रशासन द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई ने जिलेभर के पंचायत और शासकीय कार्यालयों में हड़कंप मचा दिया है। जिला प्रशासन का कहना है कि शासन की योजनाओं में गड़बड़ी करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।
जांच जारी, और नाम आ सकते हैं सामने
सूत्रों के अनुसार जांच दल अब इस मामले की विस्तृत परतें खोलने में जुटा है। संभावना है कि आने वाले दिनों में और भी अधिकारियों या कर्मचारियों के नाम सामने आ सकते हैं, जिनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई है।