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गाडरवारा में कवि सम्मेलन का ऐतिहासिक आयोजन: डॉ. कुमार विश्वास की कविताओं ने मोहा मन, रूद्र मैदान में गूंज उठीं तालियों की गड़गड़ाहट

मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने जनता को किया समर्पित

गाडरवारा में कवि सम्मेलन का ऐतिहासिक आयोजन: डॉ. कुमार विश्वास की कविताओं ने मोहा मन, रूद्र मैदान में गूंज उठीं तालियों की गड़गड़ाहट

गाडरवारा, 17 नवंबर: मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा नगर ने साहित्य और संस्कृति की अनोखी छटा बिखेरी, जब रूद्र मैदान में एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता के अवसर पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में भारत के प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास ने अपनी कविताओं और अद्वितीय अंदाज से हजारों श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने जनता को किया समर्पित

यह आयोजन मध्य प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के नेतृत्व में आयोजित किया गया। उन्होंने कहा, “पिछले साल इसी दिन गाडरवारा की जनता ने मुझ पर विश्वास कर ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। आज का यह कवि सम्मेलन उसी जनता के सम्मान और उनकी सेवा को समर्पित है।”

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल मनोरंजन का माध्यम हैं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर और साहित्य की शक्ति को प्रकट करते हैं।

गाडरवारा की गौरवशाली विरासत को किया नमन

मंच पर आते ही डॉ. कुमार विश्वास ने गाडरवारा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “यह हरिशंकर परसाई की जन्मभूमि, दादा धूनी वाले की तपोस्थली और आचार्य रजनीश (ओशो) की क्रीड़ा स्थली है। ऐसी महान धरती पर आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।”

उन्होंने फिल्म अभिनेता और गाडरवारा निवासी आशुतोष राणा का जिक्र करते हुए कहा, “आशुतोष मेरे घनिष्ठ मित्र हैं, और उनकी यह नगरी साहित्य और संस्कृति का जीवंत उदाहरण है।”

कविताओं की रसधार ने दर्शकों को किया अभिभूत

कवि सम्मेलन की शुरुआत में अन्य ख्यातनाम विनीत चौहान, दिनेश बाबरा, सुदीप भोला, प्रीति पांडेय कवियों ने अपनी रचनाओं से मंच पर समा बांध दिया। जब डॉ. कुमार विश्वास ने मंच संभाला, तो उनकी प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को भावनाओं के सागर में डुबो दिया। उन्होंने अपनी चर्चित कविताओं “कोई दीवाना कहता है”, “सुनो, जरा यह हुस्न का व्यापार मत करना” और “खुदा के पास जो ले जाएंगे, वो ग़म नहीं देगा” के जरिए प्रेम, समाज और मानवता के गहरे संदेश दिए।

डॉ. विश्वास ने अपने चिर-परिचित अंदाज में हंसी-मजाक और व्यंग्य के माध्यम से भी दर्शकों को जोड़े रखा। उनकी हर पंक्ति पर तालियों और वाह-वाह की गूंज सुनाई दी।

दर्शकों से जुड़ाव और दोबारा आने का वादा

हजारों की संख्या में मौजूद दर्शकों ने अपने अपार स्नेह और तालियों से कवियों का स्वागत किया। डॉ. कुमार विश्वास ने जनता के इस प्यार से भावुक होकर कहा, “गाडरवारा की जनता ने जिस तरह से मुझे अपनाया है, उसके लिए मैं हमेशा आभारी रहूंगा। मैं मार्च या अप्रैल में यहाँ तीन-चार दिनों के लिए जरूर आऊंगा।”

प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति से सजी शाम

इस ऐतिहासिक कवि सम्मेलन में कई गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की। इनमें स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र सिंह पटेल, सांसद दर्शन सिंह चौधरी, पूर्व राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी, गोटेगांव विधायक महेंद्र नागेश, नगर पालिका अध्यक्ष शिवाकांत मिश्रा और समाजसेवी विनीत महेश्वरी प्रमुख थे। इनके अलावा प्रशासनिक अधिकारियों, पत्रकारों और क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

साहित्यिक यात्रा का नया अध्याय

गाडरवारा के रूद्र मैदान में आयोजित इस कवि सम्मेलन ने साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा। यह आयोजन न केवल गाडरवारा की सांस्कृतिक विरासत को संजोने का माध्यम बना, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए साहित्य के महत्व को भी उजागर किया।

डॉ. कुमार विश्वास और अन्य कवियों की कविताओं ने गाडरवारा के हृदय में एक स्थायी छाप छोड़ी, और यह आयोजन क्षेत्रवासियों के लिए यादगार बन गया।

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