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Budhni News-मध्यप्रदेश में चुनावी नियमों की धज्जियाँ: चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल

भाजपा और नियमों का उल्लंघन

मध्यप्रदेश में चुनावी नियमों की धज्जियाँ: चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल

बुधनी में नामांकन दौरान की स्थिति

मध्यप्रदेश के चुनाव आयोग ने बुधनी में नामांकन के दौरान देखा कि कुछ प्रमुख नेताओं की उपस्थिति तय सीमा से अधिक थी। यह मामला गंभीर है क्योंकि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। इस प्रकार के उल्लंघन का संज्ञान लेना आयोग की जिम्मेदारी होनी चाहिए।

चुनाव आयोग की जिम्मेदारी

चुनाव आयोग की भूमिका केवल चुनावों का संचालन करना नहीं है, बल्कि उसे यह सुनिश्चित करना भी है कि सभी दल नियमों का पालन करें। सवाल यह उठता है कि क्यों अब तक इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की गई? क्या आयोग बड़े चेहरों की उपस्थिति से प्रभावित हो रहा है? यह सभी मुद्दे इस बात को दर्शाते हैं कि चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता बनाए रखना आवश्यक है।

भाजपा और नियमों का उल्लंघन

भाजपा के नेताओं द्वारा नियमों का उल्लंघन कोई नया मुद्दा नहीं है। सत्ता में होने का दंभ इन्हें नियमों का मखौल उड़ाने के लिए प्रेरित करता है। चुनाव आयोग को चाहिए कि वह इस मामले में त्वरित कार्रवाई करे ताकि उसकी निष्पक्षता बरकरार रह सके। अगर नियमों में ढील दी जाती है, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक हो सकता है।

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