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अधूरी सड़क पर टोल वसूली की तैयारी, जनता और विधायक ने जताया विरोध

अधूरी सड़क पर टोल वसूली की तैयारी, जनता और विधायक ने जताया विरोध

रिपोर्टर सुनील राठौर भौरा

भौरा। इटारसी फोरलेन पर जल्द ही टोल टैक्स वसूली शुरू हो सकती है। कुंडी टोल प्लाजा पर लाइट और इलेक्ट्रिकल सिस्टम लगाने का काम पूरा हो चुका है। इसे चालू करने की तैयारी तेज हो गई है। हालांकि, एनएचएआई ने अभी टोल दरों को अंतिम रूप नहीं दिया है। लेकिन कारों से 80 रुपये शुल्क वसूले जाने की संभावना है।

टोल वसूली की खबर से ग्रामीणों में आक्रोश

कुंडी टोल प्लाजा शुरू होने की खबर से भौरा, शाहपुर और आसपास के ग्रामीणों में नाराजगी है। कई व्हाट्सएप ग्रुपों में लोगों ने खुलकर विरोध जताया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक फोरलेन पूरी तरह तैयार नहीं हो जाता और सड़कों की स्थिति में सुधार नहीं होता, तब तक टोल वसूली अनुचित है।

विधायक ने प्रभारी मंत्री को लिखा पत्र

घोड़ाडोंगरी विधायक गंगा सज्जन सिंह उईके ने प्रभारी मंत्री को पत्र लिखकर टोल वसूली का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि फोरलेन का काम अधूरा है और निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। विधायक ने लिखा कि निर्माण कंपनी की लचर कार्यशैली के कारण फोरलेन का काम अब तक पूरा नहीं हुआ। विभागीय अधिकारियों को पहले भी इस मुद्दे पर अवगत कराया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अधूरी और खराब सड़क पर टोल वसूली जनता के अधिकारों का हनन है। उन्होंने मांग की कि जब तक फोरलेन का काम पूरा नहीं होता, टोल वसूली रोकी जाए।

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650 करोड़ की परियोजना, 20 किमी का काम अधूरा

बैतूल से इटारसी तक 72 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण 650 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है। लेकिन 20 किलोमीटर का काम अभी भी अधूरा है। यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। अब तक केवल 52 किलोमीटर का निर्माण पूरा हुआ है। इसके बावजूद एनएचएआई टोल वसूली की तैयारी कर रहा है।

स्थानीय लोगों ने उठाए सवाल

भौरा और शाहपुर के दिलीप गुप्ता, सुधीर नायक, राजेंद्र साहू, जय किशोर मिश्रा और दिलीप माधव ने इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सड़कें कई जगहों पर अधूरी हैं। निर्माण कार्य अधर में लटका है। फिर भी टोल वसूली क्यों? जब पूरी सड़क की सुविधा नहीं मिल रही, तो टोल क्यों दें? उन्होंने कहा कि जल्द ही ज्ञापन सौंपा जाएगा। जरूरत पड़ी तो विरोध प्रदर्शन भी होगा।

सरकार के फैसले पर टिकी नजरें

अब देखना होगा कि सरकार और एनएचएआई जनता की मांगों को कितना गंभीरता से लेते हैं। क्या जनता के विरोध और विधायक के आवेदन के बाद टोल वसूली का फैसला टाला जाएगा? या एनएचएआई अपने निर्णय पर अडिग रहेगा? यह सवाल अब स्थानीय लोगों और वाहन चालकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

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