डीएम ने खाया मजदूर के घर का पराठा, फरियादी की समस्या का हुआ समाधान
डीएम ने खाया मजदूर के घर का पराठा, फरियादी की समस्या का हुआ समाधान
डीएम ने खाया मजदूर के घर का पराठा, फरियादी की समस्या का हुआ समाधान
UP NEWS: औरैया जिले के डीएम इंद्रमणि त्रिपाठी का एक मानवीय चेहरा सामने आया है, जिसने जनसुनवाई के दौरान प्रशासन और जनता के बीच विश्वास का अनूठा उदाहरण पेश किया। यह घटना उस समय की है जब एक मजदूर अपनी जमीन से जुड़ी समस्या लेकर डीएम ऑफिस पहुंचा था।
फरियादी ने अपने साथ पोटली में कुछ पराठे बांध रखे थे। डीएम इंद्रमणि त्रिपाठी ने जब पोटली के बारे में पूछा तो मजदूर ने बताया कि वह नाश्ते के लिए घर से पराठे लाया है। डीएम ने सहजता से पूछा, “हमें भी अपने पराठे खिलाओगे?” मजदूर ने झिझकते हुए कहा, “साहब, आप कहां मेरे पराठे खाएंगे।” इस पर डीएम ने मुस्कुराते हुए कहा, “पराठा खिलाओगे तो ही तुम्हारा काम करेंगे।”
डीएम ने मजदूर के हाथ से पराठा लिया और खा लिया। यह देख मजदूर भावुक हो गया। उसने कहा कि उसने कभी नहीं सोचा था कि एक बड़ा अधिकारी उसके साथ इस तरह सहज होकर पेश आएगा।
इसके बाद डीएम ने तुरंत उसकी समस्या सुनकर संबंधित अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए। जांच में पता चला कि मजदूर अपने पैरालाइज भाई के इलाज के लिए अपनी जमीन बेचना चाहता था, लेकिन तीन भाइयों के बीच विवाद के कारण मामला फंसा हुआ था। डीएम ने सभी भाइयों के बीच समझौता कराते हुए सरकारी मदद दिलाने का भरोसा दिया।
इस घटना के बाद जिला प्रशासन की टीम ने मजदूर के गांव जाकर स्थिति का जायजा लिया और मदद सुनिश्चित की।
जनता का दिल जीतने वाला कदम
डीएम इंद्रमणि त्रिपाठी का यह कदम प्रशासन की संवेदनशीलता और मानवीयता का प्रतीक बन गया है। मजदूर ने कहा कि समस्या का समाधान तो हुआ ही, लेकिन डीएम के इस व्यवहार ने उसका दिल जीत लिया। ऑफिस में मौजूद अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी इस दृश्य को देखकर प्रभावित हुए।
यह घटना यह संदेश देती है कि छोटे-छोटे मानवीय कार्य भी समाज पर गहरा असर डाल सकते हैं। डीएम का यह व्यवहार एक प्रेरणा है कि एक अधिकारी यदि अपने पद के साथ-साथ संवेदनशीलता दिखाए, तो वह समाज के लिए एक मिसाल बन सकता है।