सोहागपुर की शराब दुकानों पर नियमों की उड़ाई जा रही खुल्लमखुल्ला धज्जियाँ
बिना बिल शराब की बिक्री, एमआरपी से अधिक वसूली… शिकायत पर धमकाते हैं सेल्समैन प्रशासन मौन, उपभोक्ताओं में आक्रोश

संवाददाता राकेश पटेल इक्का
सोहागपुर। शराब दुकानों पर नियम कायदों को ताक पर रखकर खुलेआम धांधली हो रही है। यहां शराब बिना बिल के बेची जा रही है और एमआरपी से अधिक कीमत वसूली जा रही है। खास बात यह कि ग्राहक अगर बिल मांगते हैं, तो या तो उन्हें टाल दिया जाता है या फिर खुले तौर पर धमकाया जाता है।
बिल नहीं, सिर्फ पैसा चाहिए!
शहर के विभिन्न इलाकों की शराब दुकानों पर यह आम बात हो गई है कि ग्राहक को न तो बिल दिया जाता है और न ही रसीद। कीमतें मनमानी हैं। एक ग्राहक ने बताया कि उसने एक बोतल पर 30 रुपये ज्यादा वसूले जाने की बात कही तो जवाब मिला — “लेना है तो लो, वरना जाओ!”
एमआरपी से ऊपर कीमत, विरोध करने पर धमकी
ग्राहकों से जबरन अधिक पैसे वसूले जा रहे हैं। एक ग्राहक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब उसने दुकानदार से अधिक वसूली पर आपत्ति की, तो जवाब मिला — “ज्यादा बोलोगे तो दोबारा मत आना!”
प्रशासन बना तमाशबीन?
स्थानीय लोगों का कहना है कि इन दुकानों की अनियमितताओं की शिकायत पहले भी की गई है, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या प्रशासन इन दुकानों पर जानबूझकर आंखें मूंदे बैठा है?
उपभोक्ताओं के अधिकारों का हो रहा हनन
कानून के मुताबिक —
- उपभोक्ता को एमआरपी से अधिक राशि नहीं चुकानी चाहिए।
- हर बिक्री पर रसीद देना अनिवार्य है।
- यदि कोई दुकानदार इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
अब क्या?
प्रशासन से मांग है कि —
- तत्काल इन दुकानों की जांच हो।
- बिल न देने वाले, अधिक कीमत वसूलने वाले दुकानदारों पर सख्त कार्यवाही हो।
- उपभोक्ताओं को जागरूक किया जाए कि वे ऐसी अनियमितताओं की शिकायत उपभोक्ता संरक्षण मंच या कलेक्टर कार्यालय में दर्ज कराएं।
अगर शासन-प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो जनता का आक्रोश सड़क पर भी उतर सकता है।