सिवनी में SDO की दबंगई: किसान से की बदसलूकी, जबरन कार की डिग्गी में ठूंसा, अधिकारी को किया निलंबित
सिवनी में SDO की दबंगई: किसान से की बदसलूकी, जबरन कार की डिग्गी में ठूंसा, अधिकारी को किया निलंबित

सिवनी, मध्य प्रदेश – सिवनी जिले के केवलारी क्षेत्र में जल संसाधन विभाग के एसडीओ श्रीराम बघेल की दबंगई का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे एक किसान के साथ अभद्र व्यवहार करते और जबरन उसे अपनी कार की डिग्गी में ठूंसते नजर आ रहे हैं। मामले के तूल पकड़ने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एसडीओ को निलंबित कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
शनिवार को जल संसाधन विभाग के एसडीओ श्रीराम बघेल तिलवारा दाई तट नहर का निरीक्षण करने पहुंचे थे। वहां मौजूद किसानों ने उनसे सिंचाई से जुड़ी समस्याओं को हल करने की मांग की। लेकिन किसानों की परेशानी सुनने के बजाय एसडीओ भड़क गए और उन्होंने एक किसान का कॉलर पकड़कर उससे गाली-गलौज की।
गुस्से में दी धमकी, जबरन कार की डिग्गी में ठूंसा
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एसडीओ श्रीराम बघेल किसान को धमकाते हुए कह रहे हैं, “तुम अपनी हद में रहो, मैं तुम्हारी ऐसी-तैसी कर दूंगा।” इसके बाद उन्होंने जबरदस्ती किसान को कार की डिग्गी में डालने की कोशिश की। इस घटना से वहां मौजूद किसान डर गए और उन्होंने एसडीओ से किसान को छोड़ने की गुहार लगाई।
वीडियो वायरल, SDO निलंबित
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया। जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता विनोद कुमार देवड़ा ने तुरंत कार्रवाई करते हुए SDO श्रीराम बघेल को निलंबित कर दिया और उनका तबादला नर्मदापुरम कर दिया गया।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
किसानों की शिकायत के बाद केवलारी थाने में एसडीओ के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
किसानों में आक्रोश
इस घटना के बाद इलाके के किसानों में भारी आक्रोश है। किसानों का कहना है कि जो अधिकारी उनकी समस्याएं सुलझाने आए थे, उन्होंने ही उनके साथ बदसलूकी और मारपीट की। किसानों ने प्रशासन से आरोपी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासन का बयान
प्रशासन ने साफ किया है कि किसी भी अधिकारी को जनता के साथ गलत व्यवहार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर कोई भी सरकारी अधिकारी अपनी ताकत का दुरुपयोग करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही और किसानों के प्रति प्रशासनिक रवैये पर गंभीर सवाल खड़े करती है।