शिवधाम डमरू घाटी न्यास के पंजीयन का आदेश पारित
अनुविभागीय अधिकारी ने दी मंजूरी, समिति सदस्यों ने जताया आभार
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गाडरवारा। बहुप्रतीक्षित शिवधाम डमरू घाटी न्यास के पंजीयन का आदेश अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) श्रीमती कलावती ब्यारे द्वारा दिनांक 19 फरवरी 2025 को पारित किया गया। यह आदेश प्रदेश लोक न्यास अधिनियम 1951 के उपबंधों एवं माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटिशन में दिए गए आदेश दिनांक 08.09.2023 के संदर्भ में दिया गया है।
लंबे समय से लंबित था प्रकरण
शिवधाम डमरू घाटी न्यास के पंजीयन की प्रक्रिया काफी समय से लंबित थी। समिति सदस्यों ने लगातार प्रयास कर इस धार्मिक न्यास को आधिकारिक रूप से मान्यता दिलाने के लिए आवश्यक दस्तावेज एवं गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। मंदिर के रखरखाव, निर्माण, आमदनी-खर्च का लेखा-जोखा एवं अन्य धार्मिक गतिविधियों के सही पाए जाने के बाद निर्णय समिति के पक्ष में दिया गया।
समिति अध्यक्ष ने दी प्रतिक्रिया
इस संबंध में जब डमरू घाटी समिति अध्यक्ष हंसराज मालपानी से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा,
“माननीय लोकन्यास पंजीयक महोदया द्वारा डमरू घाटी न्यास के विधिवत पंजीयन का आदेश पारित किया गया है। यह निर्णय हमारे लिए अत्यंत हर्ष का विषय है। खासकर, स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री माननीय राव उदय प्रताप सिंह जी के प्रयासों से यह संभव हो पाया। हमारी पूरी समिति उनका हृदय से आभार व्यक्त करती है।”
न्यास का उद्देश्य धार्मिक और शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देना
न्यास के कोषाध्यक्ष जिनेश जैन ने बताया कि न्यास की प्रकृति धार्मिक एवं शैक्षणिक है। इसका प्रमुख उद्देश्य भगवान शिव की विधिवत पूजा-अर्चना करना, धार्मिक कार्यों को बढ़ावा देना और लोगों को धर्म के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए माननीय अनुविभागीय अधिकारी ने इस आदेश को उचित ठहराया।
समिति के अन्य सदस्यों ने जताया आभार
डमरू घाटी समिति के अन्य पदाधिकारियों ने भी इस निर्णय का स्वागत किया और सहयोग देने वाले सभी व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया।
- सचिव: चंद्रकांत शर्मा
- उपाध्यक्ष: डॉ. उमाशंकर दुबे, रविशेखर जायसवाल
- सहसचिव: सुनील सोनी, केदार अग्रवाल
- उपकोषाध्यक्ष: कन्हैया लाल यादव
- विधि सलाहकार: आशीष दीक्षित
इन सभी ने भूमि दानदाताओं एवं सहयोगियों का भी विशेष रूप से आभार जताया, जिनमें स्वर्गीय मोहनलाल शर्मा परिवार, चंद्रकांत नगाईज परिवार, प्रकाश काबरा परिवार, उमेश नीरज शक्ति सिंह परिहार परिवार एवं अन्य सहयोगी शामिल हैं।
भविष्य की योजनाएँ
अब जब शिवधाम डमरू घाटी न्यास का विधिवत पंजीयन हो चुका है, तो समिति इसे धार्मिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास करेगी। मंदिर परिसर के विस्तार, धार्मिक अनुष्ठानों, समाज कल्याण और आध्यात्मिक जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन की योजना बनाई जा रही है।