महाशिवरात्रि के पूजन के साथ संपन्न होगा महाकुंभ 2025, 2 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम में स्नान की संभावना

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है और महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर विधिवत पूजन के साथ इसका समापन होगा। अनुमान है कि इस अंतिम स्नान में 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे।
जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने महाकुंभ को भारत की सनातन संस्कृति और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह आयोजन विश्व में अद्वितीय है। उन्होंने महाकुंभ की अद्भुत व्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी।
महाकुंभ की दिव्यता और प्रशासनिक चुनौतियां
महाकुंभ 2025 ने ऐतिहासिक उपस्थिति दर्ज कराई, जहां 60-62 करोड़ लोगों ने इसमें भाग लिया। अंतिम स्नान के दौरान भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन हाई अलर्ट पर है। यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मंगलवार शाम से ही महाकुंभ मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। एडीजी, आईजी और डीआईजी स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है।
एकता और सामाजिक समरसता का प्रतीक बना महाकुंभ
स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा, “महाकुंभ हमारी दिव्यता और सनातन परंपराओं का प्रतीक है। करोड़ों श्रद्धालुओं की एकता ने सामाजिक समरसता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। पूरा विश्व देख रहा है कि कैसे इतनी बड़ी संख्या में लोग संगम तट पर एकजुट हुए।”
उल्लेखनीय है कि महाकुंभ को पहले ही यूनिस्को द्वारा अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा दिया जा चुका है। इस आयोजन की सफलता भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक शक्ति को वैश्विक मंच पर स्थापित करती है।
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी को बधाई
महाकुंभ के सफल आयोजन पर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी। उन्होंने कहा कि “इस आयोजन के दौरान कोई बड़ी अव्यवस्था नहीं हुई, जो सरकार की प्रभावी योजना और प्रशासन की सतर्कता को दर्शाता है। यह भारत की सांस्कृतिक महाशक्ति का सजीव प्रमाण है।”
महाशिवरात्रि पर अंतिम पूजन के साथ यह दिव्य आयोजन संपन्न हो जाएगा, लेकिन इसकी स्मृतियां हमेशा भारतीय संस्कृति की महानता का प्रतीक बनी रहेंगी।