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दिव्या देशमुख: मेहनत, मार्गदर्शन और सफलता की मिसाल

संवाददाता राकेश पटेल इक्का

एक यादगार अनुभव

दिल्ली में एक टूर्नामेंट के दौरान मैं एक नौ वर्षीय बच्ची के साथ शतरंज खेल रहा था। मुझे यह कल्पना भी नहीं थी कि वह मुझे मात दे सकती है। लेकिन जब उस बच्ची – दिव्या देशमुख – ने मुझे हराया, तो मैं दंग रह गया। यह हार मेरे लिए एक सीख थी और दिव्या के उज्ज्वल भविष्य की झलक भी।

गुरप्रीत सर का अमूल्य योगदान

उस समय दिव्या के कोच गुरप्रीत सर ने मुझसे बातचीत में बताया कि वह दिव्या को प्रशिक्षित कर रहे हैं। उन्होंने दिव्या में छिपी प्रतिभा को पहचाना और उसे निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दिव्या की तरक्की में गुरप्रीत सर का मार्गदर्शन एक मजबूत नींव की तरह रहा है।

कड़ी मेहनत और समर्पण की कहानी

दिव्या ने अपने जुनून और निरंतर अभ्यास से खुद को सिद्ध किया है। उनकी मेहनत और समर्पण की बदौलत ही वह आज अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन कर रही हैं। लेकिन यह भी सच है कि सही गुरु और मार्गदर्शन के बिना यह संभव नहीं था। गुरप्रीत सर जैसे कोच का योगदान न केवल दिव्या के लिए, बल्कि हर युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणास्रोत है।

दिव्या देशमुख: एक उभरती हुई भारतीय शतरंज प्रतिभा

आज दिव्या देशमुख एक सफल और प्रसिद्ध शतरंज खिलाड़ी हैं। हाल ही में उन्होंने लंदन में आयोजित FIDE वर्ल्ड रैपिड एंड ब्लिट्ज टीम चैंपियनशिप में दुनिया की नंबर-1 खिलाड़ी हाउ यिफान को हराकर इतिहास रच दिया।

प्रारंभिक जीवन और प्रेरणा

नागपुर, महाराष्ट्र में जन्मी दिव्या के माता-पिता डॉ. जितेंद्र और डॉ. नम्रता देशमुख हैं। उन्होंने महज 5 वर्ष की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया और बचपन से ही अपनी असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

शानदार उपलब्धियां

  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंडर-7, अंडर-10 और अंडर-12 वर्ग में कई खिताब।
  • 2024 में वर्ल्ड जूनियर गर्ल्स U-20 चैंपियनशिप की विजेता।
  • विश्व जूनियर नंबर-1 बनने का गौरव प्राप्त किया।

दिव्या की विशेषताएं

  • आक्रामक शैली: वह आक्रामक और रणनीतिक खेल के लिए जानी जाती हैं।
  • सीखने की तीव्र क्षमता: हर हार से कुछ सीखना और उसमें सुधार करना उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
  • निडर आत्मविश्वास: उन्होंने हमेशा दबाव की स्थिति में भी आत्मविश्वास बनाए रखा।

भविष्य की उड़ान

दिव्या का सपना विश्व शतरंज चैंपियन बनने का है। वह लगातार अपने खेल को निखारने में जुटी हुई हैं और लाखों युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।

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