भौरा में डॉक्टर की टीम ने किया प्रकृति परीक्षण, आयुर्वेद पद्धति से स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने की पहल
भौरा में डॉक्टर की टीम ने किया प्रकृति परीक्षण, आयुर्वेद पद्धति से स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने की पहल

रिपोर्टर सुनील राठौर भौरा
भौरा। जिला आयुष विभाग द्वारा चलाए जा रहे प्रकृति परीक्षण अभियान के तहत बुधवार को नगर में डॉक्टर शिवराज परिहार और उनकी टीम ने विशेष शिविर का आयोजन किया। इस दौरान टीम ने नगर में भ्रमण कर 100 से अधिक लोगों का प्रकृति परीक्षण किया और उनकी शारीरिक व मानसिक प्रकृति के आधार पर स्वास्थ्य संबंधी सुझाव दिए। आयुर्वेद के अनुसार, हर व्यक्ति की प्रकृति वात, पित्त और कफ के संतुलन पर आधारित होती है। प्रकृति परीक्षण का उद्देश्य व्यक्ति की प्रकृति को समझकर उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान और बीमारियों की रोकथाम करना है। इस अभियान के तहत लोगों को उनकी प्रकृति के अनुरूप आहार, दिनचर्या और जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
डॉ. शिवराज परिहार, ओम आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज भारत भारती जामठी बैतूल से अपनी टीम के साथ भौरा पहुंचे। उन्होंने नगरवासियों को आयुर्वेद आधारित जीवनशैली अपनाने के महत्व को समझाया और डिजिटल सुविधा के तहत प्रकृति परीक्षण ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया।
डॉ. परिहार ने बताया कि, अभियान लोगों को उनकी प्रकृति के अनुरूप जीवनशैली अपनाने में मदद करता है। भौरा में आयोजित शिविर के दौरान हमने लोगों को उनकी स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी उपयोगी जानकारी दी। आयुर्वेद केवल बीमारियों का इलाज नहीं, बल्कि रोगों की रोकथाम का विज्ञान है।अभियान को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए जिला आयुष विभाग ने एक विशेष प्रकृति परीक्षण ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप के माध्यम से लोग ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं और परीक्षण के बाद प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। स्थानीय निवासियों ने इस अभियान की सराहना की। उन्होंने इसे स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने और आयुर्वेद के महत्व को समझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।