दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके, दहशत में घरों से बाहर निकले लोग
राष्ट्रीय राजधानी में धरती हिली, प्रशासन सतर्क, PM मोदी ने की अपील

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में सोमवार तड़के 5:36 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई, और इसका केंद्र दिल्ली के पास था। झटके इतने तेज थे कि लोग नींद से जाग गए और घबराकर घरों से बाहर निकल आए। हालाँकि, किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है।
लोगों में दहशत, घरों से बाहर निकले हजारों लोग
भूकंप के झटकों ने दिल्ली-NCR के निवासियों को हिला कर रख दिया। सुबह-सुबह धरती हिलने से लोग घबरा गए और आनन-फानन में घरों से बाहर आ गए। कई इलाकों में लोग सड़कों पर देखे गए।
दिल्ली के जनकपुरी इलाके में रहने वाले राजेश शर्मा ने बताया:
“सुबह अचानक बिस्तर हिलने लगा। पहले तो लगा सपना देख रहा हूँ, लेकिन जब खिड़की की चीजें भी हिलने लगीं, तो मैं तुरंत परिवार को लेकर बाहर भागा।”
गाजियाबाद की रहने वाली नीलम वर्मा ने कहा:
“कमरे की अलमारी कांपने लगी, गड़गड़ाहट सुनाई दी, तभी समझ आया कि भूकंप आया है। तुरंत बच्चों को उठाकर बाहर भागे।”
इस घटना के बाद लोगों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है। सोशल मीडिया पर भी भूकंप को लेकर लोग अपनी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं।
PM मोदी और प्रशासन ने की अपील
भूकंप के झटकों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों से शांत रहने और सुरक्षा उपायों का पालन करने की अपील की।
“दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। सभी से आग्रह है कि घबराएं नहीं और सतर्क रहें। प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है।”
दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा:
“मैं प्रार्थना करती हूँ कि सभी सुरक्षित रहें। आप सभी सतर्क रहें और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करें।”
दिल्ली पुलिस ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में 112 नंबर पर संपर्क करें।
दिल्ली का कौन सा इलाका भूकंप के लिए सबसे ज्यादा संवेदनशील?
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली भूकंप के लिहाज से हाई रिस्क जोन में आता है। खासकर यमुना बाढ़ क्षेत्र और कुछ पुराने निर्माण वाले इलाके ज्यादा जोखिम में हैं।
2014 में दिल्ली विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग ने एक अध्ययन किया था, जिसमें बताया गया कि यमुना बैंक, पीतमपुरा, उत्तम नगर, नरेला और पंजाबी बाग जैसे इलाके 6.5 तीव्रता तक के भूकंप के लिए संवेदनशील हैं।
इसके अलावा, लुटियंस दिल्ली, जनकपुरी, रोहिणी, करोल बाग, पश्चिम विहार, सरिता विहार, गीता कॉलोनी, शकरपुर भी हाई रिस्क वाले क्षेत्र माने जाते हैं।
दिल्ली एयरपोर्ट और हौज़ खास भी दूसरी सबसे ज्यादा जोखिम वाली कैटेगरी में आते हैं।
भूकंप आने पर क्या करें और क्या न करें?
करें:
किसी मजबूत टेबल या बेड के नीचे छिपें।
अगर खुले मैदान में हों तो ऊंची इमारतों, पेड़ों और बिजली के खंभों से दूर रहें।
लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, सीढ़ियों का उपयोग करें।
सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
न करें:
खिड़कियों, शीशों, पंखों और भारी चीजों के पास न खड़े हों।
बिजली के खंभों, दीवारों या पुलों के नीचे न जाएं।
फोन नेटवर्क को ब्लॉक करने से बचें, केवल जरूरत पड़ने पर कॉल करें।
सोशल मीडिया पर भ्रामक या झूठी खबरें न फैलाएं।
क्या दिल्ली को बड़े भूकंप का खतरा है?
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और अन्य विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली-NCR भूकंप के लिहाज से जोन 4 में आता है, जो एक खतरनाक भूकंपीय क्षेत्र माना जाता है। अगर यहाँ 6.5 या उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आता है, तो बड़े नुकसान की संभावना हो सकती है।
2015 में नेपाल में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के झटके भी दिल्ली तक महसूस किए गए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में भी भविष्य में बड़ा भूकंप आ सकता है, क्योंकि इस क्षेत्र में कई एक्टिव फॉल्ट लाइन्स मौजूद हैं।
अभी क्या स्थिति है?
फिलहाल, दिल्ली और आसपास के इलाकों में स्थिति सामान्य है, और किसी भी बड़े नुकसान की खबर नहीं आई है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अभी कुछ और हल्के झटके आ सकते हैं, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।
सरकार और प्रशासन हाई अलर्ट पर है, और राहत दल तैयार हैं।
अगर आपको कोई समस्या महसूस हो रही है, तो तुरंत आपदा राहत हेल्पलाइन 1078 या 112 पर संपर्क करें।